Happy Birthday Ratan Tata: टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा आज अपना 84वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनका जन्म 28 दिसंबर 1937 को गुजरात के सूरत में हुआ था। टाटा ग्रुप को एक नई उंचाई देने में उनका बड़ा हाथ माना जाता है। बिजनेस की दुनिया में लोग उन्हें काफी सम्मान देते हैं। रतन टाटा की कहानी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। खासकर उनकी लव लाइफ। हम सब जानते हैं कि टाटा ने पूरी जिंदगी किसी से शादी नहीं की। हालांकि, ऐसा भी नहीं है कि उन्हें कभी किसी से प्यार नहीं हुआ। वे प्यार में कई बार पड़े, लेकिन अपने प्यार को कभी मुकम्मल नहीं कर पाए। आइए जानते हैं क्या उनके लव लाइफ की कहानी।
चार बार प्यार में पड़े थे टाटा
रतन टाटा ने एक इंटरव्यू में अपने लव लाइफ के बारे में बताया था कि उनकी जिंदगी में प्यार ने एक नहीं बल्कि चार बार दस्तक दी थी लेकिन मुश्किल दौर के आगे उनके रिश्ते की डोर कमजोर पड़ गई। बाद में टाटा ने शादी के बारे में सोचना ही बंद कर दिया। टाटा ने इस इंटरव्यू में कहा था कि जीवनभर अविवाहित रहने का उनका फैसला सही था। क्योंकि अगर मैं शादी कर लेता तो स्थितियां उलट भी हो सकती थी।
एक रिश्ते को लेकर काफी सिरियस हो गए थे टाटा
एक सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि मैंने किसी से दिल नहीं लगाया। बल्कि चार बार शादी करने के लिए मैं गंभीर हुआ, लेकिन हर बार किसी न किसी डर से मैं पीछे हट गया। एक किस्से का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब मैं अमेरिका में काम कर रहा था, तब मैं एक रिश्ते को लेकर काफी ज्यादा सीरियस हो गया था। मैं शादी भी करने वाला था। लेकिन इसी दौरान मुझे भारत वापस आना पड़ा और ये शादी टूट गई।
इस कारण से टूट गई शादी
क्योंकि रतन टाटा की प्रेमिका भारत नहीं आना चाहती थीं। वहीं टाटा बिजनेस के सिलसिले में भारत लौट आए थे। ऐसे में उनकी प्रेमिका ने अमेरिका में ही किसी दूसरे व्यक्ति से शादी कर ली। गौरतलब है कि रतन टाटा का जन्म एक समृद्ध परिवार में हुआ था। लेकिन उनकी जिंदगी इतनी आसान नहीं रही। रतन टाटा जब 7 वर्ष के थे तब उनके पैरेंट्स अलग हो गए थे। उनका पालन-पोषण उनकी दादी ने किया। टाटा ने अपने जीवन में कभी आर्थिक संकट नहीं देखा, पर कहते है ना कि शरीर पर लगे जख्मों से ज्यादा दिल पर लगे घाव दर्द देते है।
चमक दमक से रहते हैं दूर
पारिवारिक कलह के चलते रतन टाटा अंदर से काफी मजबूत बने। वे समाज की झूठी चमक दमक में विश्वास नहीं करते हैं। सालों से मुम्बई के कोलाबा जिले में एक किताबों एवं कुत्तों से भरे हुये बेचलर फ्लैट में रह रहे हैं।