मुंबई। बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) आज अपना 79वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे हैं। हिन्दी सिनेमा में उन्हें एक माइल स्टोन माना जाता है। उन्होंने अपने अभिनय के दम पर पूरी दुनिया में एक अलग पहचान बनाई है। उन्होंने अपने फिल्मी करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। कभी सुपरहिट फिल्में दी, तो लगातार फ्लॉप फिल्मों का दबाव भी झेला। फिल्म के सेट पर घायल हुए, राजनीति में गये और फिर वापस इंडस्ट्री में कदम रखा।
पिता मशहूर कवि थे
11 अक्टूबर 1942 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में जन्में अमिताभ के पिता डॉ हरिवंश राय बच्चन मशहूर कवि थे। बचपन से अमिताभ बच्चन इंजीनयर बनने या एयरफोर्स में जाने का सपना देखा करते थे, पर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था और आज अमिताभ बच्चन फिल्म इंडस्ट्री के सबसे बड़े शहंशाह हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अमिताभ बच्चन मौत को भी मात दे चुके हैं। सुनने में ये थोड़ा अजीब जरूर लग रहा है, लेकिन यह सच है।
कुली के सेट पर बुरी तरह से घायल हो गए थे
दरअसल, फिल्म ‘कुली’ की शूटिंग के दौरान अमिताभ बुरी तरह से घायल हो गए थे। डॉक्टर्स ने उन्हें क्लिनिकली डेड घोषित कर दिया था। हुआ ये था कि 24 जुलाई 1982 को बेंगलुरू में फिल्म की फाइटिंग सीन के लिए सेट लगाया गया था। डायरेक्टर ने अमिताभ से बॉडी डबल शूट के लिए कहा, लेकिन अमिताभ ने ऐसा करने से मना कर दिया। वह चाहते थे कि वह इस सीन को खुद शूट करें ताकि सीन ज्यादा रियल लगे।
लोग सीन देखकर ताली बजा रहे थे
मंजर ये था कि अमिताभ बच्चन को अपने मामा को बचाने के लिए फाइटिंग के बीच में कूदना था और पुनित इस्सर के घूंसे के बाद पास में रखी टेबल के ऊपर से लुढ़कर नीचे गिरना था। सीन बिल्कुल डायरेक्टर के मुताबिक शूट हुआ और अमिताभ टेबल से लुढ़कते हुए नीचे गिरे। लेकिन उनके पेट के निचले हिस्से में स्टील की टेबल का कोना चुभ गया। लोग इस हादसे से वाकिफ नहीं थे। यही वजह है कि सीन खत्म होते ही सेट पर तालियां बज उठीं। ऐसा लग रहा था कि सब कुछ ठीक है। लेकिन थोड़ी देर में अमिताभ के पेट में दर्द होने लगा।
शरीर में जहर फैलने लगा था
पहले लगा कि छोटा-मोटा दर्द है जो बाम या दवाई से ठीक हो जाएगा। लेकिन बाद में ये दर्द असहनीय हो गया। 27 जुलाई को जब डॉक्टर्स ने उनके पेट का ऑपरेशन किया तो वो ये देखकर हैरान रह गए कि उनकी छोटी आंत और पेट की छिल्ली फट चुकी थी। उनकी चोट काफी गहरी थी। इतना ही नहीं इलाज के दौरान उन्हें निमोनिया भी हो गया, इसके बाद उनके शरीर में जहर फैलने लगा था।
11 मिनट बाद लौटी सांस
डॉक्टर हालत सुधारने में लगे थे लेकिन उनकी हालत सुधरने का नाम नहीं ले रही थी, एक वक्त ऐसा आया कि डॉक्टरों ने उन्हें क्लिनिकली डेड घोषित कर दिया। जब कोई उम्मीद नहीं बची थी तब डॉक्टर उडवाडिया ने एक दवाई का ओवरडोज देना शुरू किया। इसका असर दिखने लगा। जया बच्चन ने देखा कि उनके पैर के अंगूठे में हलचल है।
क्लिनिकली डेड के करीब 11 मिनट बाद अमिताभ की सांसे एक बार फिर लौट आईं।