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Hanuman Jayanti: हनुमान जन्मोत्सव आज, पंचग्रही योग दिखाएगा असर, सूर्य, शनि, शुक्र, बुध, राहु बना रहे युति, जानें उपाय

Hanuman Jayanti 12 April 2025 : हनुमान जन्मोत्सव पंचग्रही योग दिखाएगा असर, सूर्य, शनि, शुक्र, बुध, राहु बना रहे युति, जानें उपाय Hanuman Jayanti janmutsav 2025 panchgrahi yog surya shukra shani rahu budh yuti upay astrology hindi news pds

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Preeti Dwivedi
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Hanuman Jayanti 2025 Panch Grahi Yog Shukra Shani Budh Sury Rahu Yuti Upay:  चैत्र मास शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को आज श्रीहनुमान जन्मोत्सव पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। ज्योतिष के अनुसार आज लंबे समय बात पांच ग्रहों की युति से लक्ष्मी योग बन रहा है।
बजरंग बल को प्रसन्न करने और रिद्धि सिद्धि की प्राप्ति के लिए भक्त आज तरह-तरह के उपाय करेंगे। ऐसे में यदि आप भी श्रीराम के परम भक्त हनुमान को प्रसन्न करना चाहते हैं तो चलिए जानते हैं कि इसके लिए कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं।

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हनुमान जयंती शुभ मुहूर्त (Hanuman Jayanti 2025 shubh muhurat)

चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि शनिवार, 12 अप्रैल को सुबह 03:21 मिनट से शुरू होकर रविवार, 13 अप्रैल को सुबह 5:51 मिनट तक रहेगी।

हनुमान जयंती पर पूजा मुहूर्त

पूजा का पहला शुभ मुहूर्त 12 अप्रैल: सुबह: 7:34 मिनट से सुबह 9:12 मिनट

दूसरा शुभ मुहूर्त शाम: शाम 6:46 मिनट से लेकर रात 8:08 मिनट

हनुमान जयंती पर बन रहा दुर्लभ संयोग

आज हनुमान जयंती पर दुर्लभ संयोग बना है ज​ब हस्त नक्षत्र में मीन राशि में पंचग्रही योग बनेगा. सूर्य, शनि, राहु की त्रियुति होगी और साथ ही, शुक्र-बुध के संयोग से लक्ष्मी नारायण योग बनेगा। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो ये योग 57 साल बाद बना है।

हनुमान जयंती पर जरूर करें ये उपाय

सिंदूर (Sindur)

आपने अक्सर देखा होगा भगवान को प्रसन्न करने के लिए सिंदूर का चोला चढ़ाया जाता है। यदि आप भी बजरंग बली की सेवा कर उन्हें खुश कर उनका आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो श्रीहनुमान प्रकटोत्सव पर उन्हें सिंदूर का चोला जरूर चढ़ाएं।

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इसके पीछे भी एक कारण है।माता सीता भगवान श्रीराम की लंबी उम्र की कामना से मांग मे सिंदूर लगाती थीं। जिसे देखकर श्री हनुमान भी सिंदूर लगाने लगे हैं। मंगलवार और शनिवार के दिन और हनुमान प्रकटोत्सव के दिन उन्हें सिंदूर जरूर अर्पित करें।

लाल कपड़ा (lal cloth)

श्री बजरंगबली ​के वस्त्रों की बात करें तो उन्हें आप जब भी वस्त्र अर्पित करें इसके लिए लाल रंग के कपड़ों का उपयोग करें। हनुमान प्रकटोत्सव के दिन लाल रंग का चोला या कपड़ा जरूर चढ़ाएं।

गेंदे के फूलों की माला (Gende ke Pool)

शास्त्रों में दिए उल्लेख के अनुसार श्रीबजरंग बली को गेंदे के फूलों की माला अत्यंत प्रिय हैं। इसलिए हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी के चरणों में गेंदे के फूल की माला जरूर अर्पित करनी चाहिए।

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बेसन के लड्डू –(Besan ke laddu)

अगर आप भगवान बजरंग बली उनके मनपसंद का भोग लगाकर प्रसन्न करना चाहते हैं तो इसके लिए आप उन्हें बेसन के लड्डू का भोग जरूर लगाएं। ऐसा करने से आपके बिगड़े काम बनने लगेंगे।

हनुमान जयंती पर क्या नहीं करना चाहिए

1. चरणामृत (Charan Amrit)

श्री हनुमान जी की पूजन में चरणामृत का प्रयोग ​वर्जित है। ऐसा करने से अशुभ परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।

2. स्त्रियों का स्पर्श न करें

अगर आप हनुमानजी को खुश करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको कुछ उपाय करने होंगे। इसके लिए हनुमान प्रकटोत्सव पर आपको ब्रह्यचर्य व्रत का सख्ती से पालन करना चाहिए। आप ध्यान रखें कि पूजा के दौरान महिलाओं को भूलकर भी स्पर्श न करें।

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3. इन मूर्तियों की भूलकर भी न करें पूजा

घर के मंदिर में रखी मूर्तियां पूजन के फल को प्रभावित करती हैं। हनुमान प्रकटोत्सव के दिन याद रखें कि श्रीहनुमान की खंडित मूर्तियों का पूजा में भूलकर भी उपयोग न करें।

यदि आपके घर में खंडित मूर्तियां रखी हैं तो इस दिन उन्हें हटाकर विसर्जन कर दें। मान्यता अनुसार ऐसी मूर्तियां आपके अशुभ संकेत देती हैं।

4. इस रंग के कपड़ों का उपयोग है वर्जित

आपको ध्यान रखना है कि कभी भी किसी भी पूजा में काले रंग के कपड़ों का उपयोग नहीं करना चाहिए।

ये अशुभता का प्रतीक माना जाता है इसलिए जहां तक संभव हो पीले या लाल रंग के वस्त्र जरूर पहनें।

5 . दिन में सोना चाहिए या नहीं

हनुमान जन्मोत्सव पर व्रत रखने वालों को इस दिन, दिन में भूलकर भी सोना नहीं चाहिए।

6. दान की चीजों का न करें उपयोग

अगर आपको इस दिन दान में कोई चीज मिली है तो उसका उपयोग इस दिन नहीं करना चाहिए।

हनुमान जयंती नहीं हनुमान प्रकट उत्सव कहिए

बीते कई दिनों से हनुमान जयंती को हनुमान प्रकटोत्सव के नाम से अधिक संबोधित किया जाने लगा है।

वो इसलिए क्योंकि जयंती का अर्थ जो जीवित न हो। पर भगवान श्री राम को अमर माना गया है। लेकिन यहां बात भगवान हनुमान करी जाए तो इन्हें कलयुग का अमर देवता माना गया है।

जन्मोत्सव और जयंती में क्या होता है अंतर

जन्मदिन और जयंती में बहुत अंतर है। जन्मदिन हमेशा जीवित लोगों का मनाया जाता है और जयंती उन लोगो के जन्मदिवस को कहते है जो आज हमारे बीच नहीं है और ​जिनकी मृत्यु हो चुकी है।

भगवान श्री हनुमान को लेकर कहा जाता है कि वे अमर हैं। इसलिए हम श्री हनुमान जयंती नहीं श्रीहनुमान जन्मोत्सव (Shri Hanuman Janam Utsav) या श्री हनुमान प्रकट उत्सव कहते हैं।

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