नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज के छात्र कॉलेज परिसर में स्थापित एक गौरक्षा एवं शोध केंद्र का विरोध कर रहे हैं। उनका आरोप है कि इस केंद्र की स्थापना महिला छात्रावास के लिए निर्धारित जगह पर की गई है। हालांकि, कॉलेज की प्रिंसिपल रमा शर्मा ने कहा, ‘यह गौ केंद्र कोई ‘गौशाला’ नहीं है। इसमें सिर्फ एक गाय रखी गई है, ताकि छात्र गोवंश पर शोध कर सकें।’ शर्मा के मुताबिक, ‘आर्किटेक्ट की एक टीम ने संबंधित जमीन के निरीक्षण के बाद बताया था कि यह एक ‘सेटबैक एरिया’ है। लिहाजा, यहां महिला छात्रावास का निर्माण नहीं किया जा सकता।’ उन्होंने कहा, ‘महिला छात्रावास मेरा ‘ड्रीम प्रोजेक्ट’ है।
जल्द एक आक्रामक अभियान शुरू किया जाएगा
आर्किटेक्ट इसके निर्माण के लिए उपयुक्त स्थान की तलाश करेंगे।’ उधर, भारतीय छात्र संघ (एसएफआई) की हंसराज कॉलेज इकाई ने आरोप लगाया कि ‘स्वामी दयानंद गौरक्षा एवं शोध केंद्र’ का निर्माण महिला छात्रावास के लिए निर्धारित जगह पर किया गया है। एसएफआई ने यह भी आरोप लगाया कि महामारी की वजह से कॉलेज बंद है और कई छात्रों के परिजन आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहे हैं, बावजूद इसके कॉलेज प्रबंधन ने पूरी फीस इकट्ठे जमा करने का निर्देश दिया है। एसएफआई ने कहा कि कॉलेज बंद होने के दौरान प्रबंधन ने छात्र समुदाय से बिना किसी चर्चा या चेतावनी के वहां एक ‘गौशाला’ का निर्माण पूरा कर लिया। छात्र संघ ने कहा कि ‘गौशाला’ को हटाने और लंबे समय से प्रस्तावित महिला छात्रावास का निर्माण शुरू करने के लिए जल्द एक आक्रामक अभियान शुरू किया जाएगा।