Christmas 2023: क्रिसमस का पर्व पूरी दुनिया में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाने लगा है। ऐसे तो यह ईसाई धर्म का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है लेकिन अब हर धर्म के लोग इसे लेकर उत्साहित रहते हैं। महीनों पहले से लोग क्रिमसम पार्टी की तैयारी में जुट जाते हैं।
जीसस क्रिस्ट के जन्म की खुशी में क्रिसमस मनाया जाता है और इन्हें भगवान का बेटा माना जाता है। क्रिसमस का नाम भी क्रिस्ट के नाम पर ही पड़ा।
जूतों में सुबह सुबह मिलता है गिफ्ट
क्रिसमस के दिन लोग अपनों को गिफ्ट देते हैं। दरअसल इस दिन गिफ्ट देने का चलन हॉलैंड के सैंट निकोलस फीस्ट डे से शुरू हुआ था जो 6 दिसंबर को मनाया जाता था। इस दिन बच्चे रात के वक्त अपना जूता बाहर रखकर सोते थे और इन जूतों में सुबह सुबह सैंट निकोलस छोटे-छोटे गिफ्ट छोड़कर जाते थे।
क्यों सजाते हैं मोजा
क्रिसमस के अवसर पर लोग मोजे लटकाते हैं। इस प्रथा के पीछे भी एक मजेदार कहानी है। यह कहानी एक गरीब इंसान की है जिसकी तीन बेटियां थीं। उसके पास उनकी शादी के लिए पैसे नहीं थे। एक रात सैंट निकोलस ने उस इंसान की मदद के लिए सर्द रात में चिमनी में सोने से भरी एक थैली डाली, जिसकी मदद से वो बड़ी बेटी की शादी कर सके। लेकिन यह चिमनी के पास रखे एक मोजे में जा गिरी। तब से लोग इस दिन मोजा सजाते हैं।
सैंटा क्लॉज के कपड़े पहले नहीं थे लाल
कहते हैं कि साल 1930 से पहले सैंटा क्लॉज के कपड़े लाल नहीं, बल्कि नीला, सफेद और हरे रंग का होता था। लेकिन 1930 में कोका कोला के ऐड के बाद सेंटा का लाल ड्रेस फेमस हो गया। तब से अब तक लाल रंग के सैंटा को ही दुनियाभर में क्रिसमस के अवसर पर लोग याद रखते हैं।
क्रिसमस ट्री जीवन में खुशहाली का प्रतीक
क्रिसमस ट्री के बिना क्रिसमस अधूरा माना जाता है। इस दिन लोग घर घर में क्रिसमस ट्री सजाते हैं। कहा जाता है कि ये हरे भरे क्रिसमस टी जीवन में खुशहाली का प्रतीक हैं। माना जाता है कि क्रिसमस ट्री की तरह ही आपका जीवन भी जगमगाता रहे। इस ट्री को लोग दिसंबर में सजाना शुरू करते हैं और नए साल तक घर में सजाकर रखते हैं।
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