भोपाल। कमला नेहरू अस्पताल में आग से मरने वाले बच्चों का पोस्टमॉर्टम शुरू हो गया है। मॉर्च्यूरी में बच्चों के शव लाए गए हैं। इससे पहले अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान मंगलवार सुबह हमीदिया अस्पताल पहुंचे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हादसे की जांच की जिम्मेदारी सुलेमान को दी है। उनके साथ गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन भी थे। साथ ही DIG इरशाद वली और मंत्री सारंग पहले से ही पहुंचे थे। कमला नेहरू अस्पताल में आग लगने की घटना पर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह आज सुबह अस्पताल पहुंचे। यहां पर मीडिया से बात करते उन्होंने कहा कि यह बहुत दुखद घटना है। सरकार सुनिश्चित करेगी कि ऐसा हादसा दोबारा न होने पाए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। जांच में मिली कमियों के आधार पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि आग लगने के बाद बच्चों को तुरंत सुरक्षित जगह शिफ्ट किया गया, इस से बहुत बड़ी दुर्घटना टल गयी। चार बच्चों के संबंध में दुखद जानकारी मिली है। जांच रिपोर्ट के आधार पर राज्य के अस्पतालों में सुरक्षा के और बेहतर उपाय लागू किए जाएंगे। जांच रिपोर्ट जल्दी ही आ जाएगी।
यह है पूरा मामला…
मध्य प्रदेश के भोपाल में कमला नेहरु बाल चिकित्सालय (हमीदिया अस्पताल परिसर) की विशेष नवजात शिशु इकाई (एसएनसीयू) में सोमवार रात आग लगने से कम से कम चार शिशुओं की मौत हो गई। प्रदेश सरकार ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि हो सकता है कि आग शार्ट सर्किट के कारण लगी हो। उन्होंने वार्ड के अंदर की स्थिति बहुत डरावनी बतायी। अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि चारों मृत शिशुओं की उम्र एक माह से कम थी। एक अधिकारी ने बताया कि आग अस्पताल की तीसरी मंजिल पर लगी, जहां पर आईसीयू है। सारंग ने कहा कि एसएनसीयू वार्ड में लगी आग में चार बच्चों की मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही हम अन्य लोगों के साथ मौके पर पहुंचे। वार्ड के अंदर अंधेरा था। हमने बच्चों को बगल के वार्ड में स्थानांतरित कर दिया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीड़ितों के परिवार को चार-चार लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। फतेहगढ़ दमकल केंद्र के प्रभारी जुबेर खान ने बताया कि सोमवार रात करीब नौ बजे अस्पताल की तीसरी मंजिल पर आग लगी और आग बुझाने के लिए दमकल की करीब 10 गाड़ियां मौके पर पहुंची। उन्होंने बताया कि हो सकता है कि शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी हो। एसएनसीयू में कुल 40 शिशुओं को भर्ती किया गया था। घटना के बाद इनमें से 36 शिशुओं को अलग-अलग वार्ड में रखा गया है।
सीएम शिवराज सिंह ने जताया दुख
चौहान ने एक ट्वीट में कहा कि बचाव अभियान तेजी से चलाया गया और आग पर काबू पा लिया गया है। उन्होंने कहा कि भोपाल के कमला नेहरु अस्पताल के शिशु वार्ड में आग की घटना दुखद है। घटना की उच्च स्तरीय जांच के निर्देश दिए गए हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा) मोहम्मद सुलेमान जांच करेंगे। अस्पताल में आग लगने के बाद वार्ड में भर्ती शिशुओं के परिवार के लोग अपने बच्चों की तलाश में इधर-उधर भागते नजर आए। कुछ नाराज परिजनों ने आरोप लगाया कि शिशुओं को बचाने के बजाय अस्पताल के कर्मचारी घटना के समय वहां से भाग गए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि एक माता-पिता अपने बच्चे की तलाश कर रहे थे जबकि कुछ अन्य अपने बच्चों के साथ अस्पताल से बाहर निकल आए। अस्पताल के अंदर मौजूद एक महिला ने बताया कि वार्ड धुंए से भरा हुआ था। कमला नेहरु बाल अस्पताल भोपाल के सरकारी हमीदिया अस्पताल का हिस्सा है जो कि प्रदेश के सबसे बड़े चिकित्सा केंद्रों में से एक है। पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता कमलनाथ ने घटना को बेहद दर्दनाक बताते हुए सरकार से इसकी उच्च स्तरीय जांच कराने और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। भारतीय जनता पार्टी की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने आग की घटना की झुलसे लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।