MP Exam Fees: मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में इस बार हाफ इयरली एग्जाम शुल्क वसूला जाएगा। ह राशि राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड के खाते में जाएगी।
खास बात ये है कि ये शुल्क सभी स्टूडेंट को देना होगा। इसमें रिजर्व्ड केटेगरी और वे स्टूडेंड भी शामिल हैं, जिनके प्रश्न पत्र की छपाई राज्य ओपन की ओर से नहीं की जाएगी।
9 दिसंबर से शुरु हो रही है परीक्षाएं
बता दें कि एमपी बोर्ड के अंतर्गत 9वीं से 12वीं तक की अर्द्धवार्षिक परीक्षा 9 दिसंबर से शुरु हो रही है, जो 19 दिसंबर तक चलेंगी। 9वीं-10वीं की परीक्षाएं 9 से 18 दिसंबर और 11वीं-12वीं की परीक्षाएं 9 से 19 दिसंबर तक चलेंगी।
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दोनों परीक्षाएं अलग-अलग समय पर यानी सुबह 9 से 12 और दोपहर 1.30 से 4.30 बजे तक होंगी।
65 रुपये देना होगी परीक्षा फीस
नवमीं से बारहवीं तक की परीक्षा के पेपर राज्य स्तर पर बनेंगे। पेपरों की छपाई का जिम्मा राज्य ओपन के पास है। इसके लिए राज्य ओपन प्रति छात्र 65 रुपए की राशि लेगा।
चारों क्लास की परीक्षा में शासकीय स्कूलों में करीब बीस लाख से अधिक विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। राज्य ओपन जिन प्रश्न-पत्रों की छपाई करेगा, उसकी सूची भी भेज स्थानीय स्तर पर डीईओ के दी गई है। कुछ प्रश्न-पत्र माध्यम से बनाएं जाएंगे।
30 दिसंबर को आएगा रिजल्ट
आयुक्त लोक शिक्षण शिल्पा गुप्ता द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि परीक्षा के बाद शिक्षक उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कर विद्यार्थियों को उनकी त्रुटियां दिखाकर बताएंगे।
30 दिसंबर को पीटीएम आयोजित कर स्टूडेंट के रिजल्ट्स के बारे में पेरेंट्स को बताया जाएगा। अर्द्धवार्षिक परीक्षा के परिणाम 30 दिसंबर तक विमर्श पोर्टल पर अपलोड करने होंगे।
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प्राइवेट स्कूलों में प्री बोर्ड की तैयारी
सरकारी स्कूलों में जहां एक ओर हाफ इयरली एग्जाम की तैयारी है, वहीं दूसरी ओर प्राइवेट स्कूल प्री बोर्ड एग्जाम की तैयारी में लगे हुए हैं। आईसीएससी, सीबीएसई स्कूलों में छमाही परीक्षाएं सितंबर में पूरी हो चुकी हैं।
यहां दिसंबर-जनवरी में प्री-बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी। इनका आधा कोर्स अगस्त में पूरा हो गया था। स्कूल शिक्षा विभाग करीब डेढ़ से दो महीने की देरी से अब दिसंबर में परीक्षाएं आयोजित करने जा रहा है।
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आदेश का विरोध भी हुआ शुरु
सरकारी स्कूलों में हाफ इयरली एग्जाम के लिए ली जाने वाली फीस का विरोध भी शुरु हो गया है। इसकी मुख्य वजह इन स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब छात्र हैं। शिक्षक, व्याख्याता एवं प्राचार्य संघ मध्यप्रदेश ने इसे लेकर कड़ा विरोध जताया है।
साथ ही फीस को माफ कराने के लिए स्कूल शिक्षा मंत्री को पत्र भी लिखा है। संगठन ने कहा कि सरकारी स्कूलों में अधिकांश छात्र ग्रामीण परिवेश के हैं। पूर्व में भी राज्य ओपन द्वारा ली गई फीस को माफ किया गया था, तो अब क्यों ली जा रही है?