/bansal-news/media/post_attachments/wp-content/uploads/2024/07/Haldwani-Violence.jpg)
हाइलाइट्स
कुर्क हुआ आरोपी का घर
मजिस्ट्रेटी जांच शुरू
दंगे पर बड़ा एक्शन
Haldwani Violence: उत्तराखंड के हल्द्वानी में हिंसा को एक हफ्ते से अधिक दिन हो गए हैं। लेकिन अब भी तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच हल्द्वानी के बनभूलपुरा दंगों में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है।
https://twitter.com/ANINewsUP/status/1758530230321369284?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1758530230321369284%7Ctwgr%5Eca52ee7e55cefcdd2367be90fde2720be9cb50c1%7Ctwcon%5Es1_&ref_url=https%3A%2F%2Fwww.aajtak.in%2Findia%2Fnews%2Fstory%2Fbanbhulpura-riots-update-fugitive-abdul-malik-abdul-moied-attached-property-ntc-1881404-2024-02-16
इन दंगों में शामिल अब्दुल मलिक और उसके बेटे की संपत्ति की कुर्की कर ली गई है। बनभूलपुरा दंगे में भगोड़े अब्दुल मलिक और उसके बेटे अब्दुल मोईद के बनभूलपुरा स्थित घर की कुर्की की जा रहा है। इस मौके पर हल्द्वानी के एसपी हरबंस सिंह, लालकुआं की सीओ संगीता, हल्द्वानी के तहसीलदार सचिन और अन्य की टीमें मौजूद हैं।
बता दें कि 8 फरवरी को हुई हिंसा के दौरान गोली लगने से घायल एक और शख्स की मंगलवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। मृतक का नाम मोहम्मद इसरार (50) था, जिसका सुशीला तिवारी अस्पताल में इलाज चल रहा था। इसरार के अलावा इस हिंसा में 5 और लोगों की मौत हुई थी।
संपत्ति जब्त करने का आदेश
इससे पहले, हल्द्वानी सिविल कोर्ट ने हिंसा के कथित मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक और उनके बेटे समेत नौ उपद्रवियों की संपत्ति जब्त करने के आदेश जारी किए थे। कोर्ट ने पुलिस को सभी आरोपियों के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 82, और 83 के तहत कार्रवाई करने की इजाजत दे दी है। इससे पहले मंगलवार को सिविल कोर्ट ने सभी नौ आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था।
कोर्ट पहुंचा था आरोपी पक्ष
इससे पहले उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने बुधवार को मलिक की पत्नी सफिया द्वारा ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर रोक लगाने के अनुरोध संबंधी एक जनहित याचिका पर सुनवाई की। शहर के बनभूलपुरा इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, जहां 8 फरवरी से कर्फ्यू लगा हुआ है।
उच्च न्यायालय की सुनवाई से पहले सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी। वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय में बनभूलपुरा के एक निवासी का पक्ष रखते हुए दलील दी कि उनके मुवक्किल को क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने से पहले अदालत में जवाब दाखिल करने के लिए 15 दिन का समय दिया जाना चाहिए था।
कई बड़े नेता पुलिस के रडार पर
बनभूलपुरा में उपद्रव में वहीं के कई राजनीतिक दलों के नेताओं का हाथ भी सामने आ रहा है। हिंसा मामले में पुलिस को कई साक्ष्य मिले हैं। अब पुलिस इन नेताओं की सीडीआर की जांच भी कर रही है। जल्द ही इस मामले में बड़ी गिरफ्तारी हो सकती है।
क्या था पूरा मामला
प्रशासन द्वारा बनभूलपुरा में अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाने के बाद हिंसा भड़क उठी। पथराव की घटनाओं, वाहनों में आग लगाने और भीड़ द्वारा स्थानीय पुलिस थाने को घेरने के बाद प्रशासन ने देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया था।
/bansal-news/media/agency_attachments/2025/10/15/2025-10-15t102639676z-logo-bansal-640x480-sunil-shukla-2025-10-15-15-56-39.png)
Follow Us
चैनल से जुड़ें