वाशिंगटन। अमेरिकी संसद में एच1बी और एल1 वीजा प्रणाली में समग्र सुधार के लिए द्विदलीय सांसदों के समूह ने एक विधेयक पेश किया है। सांसदों का तर्क है कि इससे अमेरिकी कर्मचारियों के हितों की रक्षा होगी और उन विदेशी आउटसोर्सिंग कंपनियों पर लगाम लगेगी, जो इस वीजा कार्यक्रम का दुरुपयोग करते हुए योग्य अमेरिकियों को उच्च दक्षता वाली नौकरियों से वंचित रखते हैं। एच1बी वीजा एक गैर-आव्रजन वीजा है, जो अमेरिकी कंपनियों को विशेष दक्षता वाली नौकरियों में विदेशी कर्मचारियों की नियुक्ति करने का अधिकार देता है। अमेरिका की प्रौद्योगिकी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हुनरमंद कर्मचारियों की नियुक्ति करने के लिए इस वीजा पर निर्भर हैं।
अपेक्षाकृत कम समय के लिए वैध होता है
एच1बी वीजा भारतीयों सहित अन्य विदेशी पेशेवरों के बीच सबसे अधिक मांग वाला कार्य वीजा है। वहीं, एल1 वीजा भी एक गैर-आव्रजन वीजा है, जो एल1 स्तर पर कार्य के लिए दिया जाता है। यह अपेक्षाकृत कम समय के लिए वैध होता है। सांसदों ने दावा किया कि ‘एच1बी और एल1 वीजा सुधार विधेयक’ से धोखाधड़ी और दुरुपयोग रुकेगा, अमेरिकी कर्मचारयों व वीजा धारकों के हितों की रक्षा होगी तथा विदेशी कर्मचारियों की नियुक्ति में ज्यादा पारदर्शिता आएगी।यह विधेयक अमेरिकी सीनेट की न्यायिक समिति के अध्यक्ष डिक डर्बिन और रैंकिंग सदस्य चक ग्रासली ने पेश किया। सांसद रिचर्ड ब्लूमेंथल, टॉमी ट्यूबरविले, शेरोड ब्राउन, बिल हैगर्टी और बर्नी ने विधेयक सह-प्रायोजित किया है।