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हाइलाइटस
- ज्ञानवापी में हिंदुओं ने शुरू की पूजा
- 30 साल बाद रातों रात हुई पूजा
- दीप जलाकर उतारी गणेश-लक्ष्मी की आरती
Varanasi Gyanvapi Case: वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में स्थिति व्यास जी के तहखाने में जिला अदालत से पूजा पाठ की इजाज़त मिलने के बाद देर रात कमिश्नर द्वारा यहां पूजा कराई गई है।
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कोर्ट के फैसले के कुछ घटों बाद ही प्रशासन की ओर से यहाँ पूजा की तैयारियां शुरू करा दी गईं। काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों और मुख्य पुजारी की देखरेख में पूजा कराई गई है।
इस पूजा में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त निकालने वाले गणेश्वर द्रविड़ और मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा भी शामिल हुए।
इस बीच ज्ञानवापी परिसर और काशी विश्वनाथ मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया है। रात से हीं यहां बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
ज्ञानवापी केस में अब क्या करेगा मुस्लिम पक्ष
मुस्लिम पक्ष की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि मस्जिद कमेटी गुरुवार को ही इलाहाबाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है।
16 थानों की पुलिस तैनात, खास सतर्कता बढ़ी
पुलिस कमिश्नर अशोक मुथा जैन, DM एस राजलिंगम, संयुक्त पुलिस आयुक्त एस चिनप्पा, DCP काशी रामसेवक गौतम, ADCP चंद्रकांत मीणा, CRPF के कमांडेंट नीतेंद्र नाथ समेत भारी संख्या में RAF और PAC के जवान तैनात रहे।
वाराणसी में अलर्ट के बाद विश्वनाथ धाम क्षेत्र में 16 थानों की पुलिस तैनात की गई है।
काशी विश्वनाथ क्षेत्र के चौक, दालमंडी, नई सड़क, दशाश्वमेध, लक्सा, सिगरा, लहुराबीर, भेलूपुर, सोनारपुरा, गोदौलिया, चेतगंज, जगतगंज, धूपचंडी, आदमपुरा, लेबर कालोनी, मैदागिन, विशेश्वरगंज और मछोदरी पार्क की निगरानी बढ़ा दी गई है।
चप्पे-चप्पे पर पुलिस, PAC और RAF के जवानों को तैनात किया गया है। साथ ही सोशल मीडिया पर भी निगरानी रखी जा रही है
पूजा के लिए तहखाने से हटाए गए बैरिकेड्स
अदालत के आदेश के बाद अब मस्जिद के तहखाने में प्रवेश पर रोक के लिए लगाए गए बैरिकेड्स को हटा दिया गया। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने तहखाने को एएसआई के सर्वेक्षण के दौरान सील करने का आदेश दिया था।
ज्ञानवापी केस में हिंदू पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी ने एएनआई से कहा कि, ''1993 में वहां पूजा-पाठ होती थी। मुलायम सिंह की तत्कालीन सरकार ने बिना किसी सक्षम न्यायालय के आदेश के उसको लोहे की पट्टिका से घिरवाकर वहां पूजा बंद करा दी थी।
इसमें एक मुकदमा दायर किया गया उसमें दो रिलीफ मांगे गए। पहला रिलीफ मांगा गया कि व्यासजी के तहखाने के दरवाजे खिड़की टूटे हैं, जर्जर हैं और उस पर बलात कब्जा रोका जाए। जिला अधिकारी को रिसीवर नियुक्त किया जाए.'' अब 30 साल बाद पूजा फिर से शुरू हो गई है।
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