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Gyanvapi Case: पिछले 1 साल से चल रहे ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Case) मामलें में वाराणसी जिला अदालत ने फैसला सुना दिया है। फैसला आने के बाद एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कोर्ट के फैसले को लेकर नाराजगी वयक्त की है। साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेगी।
1991 के वर्शिप एक्ट का मतलब हुआ खत्म
असदुद्दीन ओवैसी ने ज्ञानवापी मामलें में फैसले के बाद कहा,'हम उसी रास्ते पर जा रहे हैं जिस रास्ते पर बाबरी मस्जिद का मुद्दा था। जब बाबरी मस्जिद का फैसला सुनाया गया था, तभी मैंने कहा था कि इससे देश में बड़ी समस्याएं पैदा होगीं, क्योंकि यह फैसला आस्था के आधार पर दिया गया था।'
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उन्होंने आगे कहा कि इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील होनी चाहिए। मुझे उम्मीद है कि अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी इस आदेश के खिलाफ अपील करेगी। मेरा मानना है कि इस आदेश के बाद वर्शिप एक्ट 1991 का उद्देश्य विफल हो जाएगा।
कोर्ट ने सुनाया हिंदू पक्ष के हक में फैसला
ज्ञानवापी मामले में जज ने हिंदू पक्ष के हक में फैसला सुनाते हुए कहा है कि हिंदू पक्ष की याचिका सुनने लायक है। जज ने कहा है कि मामले पर सुनवाई की जाएगी। कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है। मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को की जाएगी। वाराणसी के जिला जज ने कहा उपरोक्त मुकदमा न्यायालय में चलने योग्य है, यह निर्धारित करते हुऐ, प्रतिवादी संख्या. 4 अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमिटी के द्वारा दिऐ गऐ 7/11 के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया।
वर्शिप एक्ट 1991 लागू नहीं होता
वाराणसी जिला कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 इस मामले में लागू नहीं होता है।
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