हाइलाइट्स
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पीड़िता की मां ने पुलिस पर लगाया बड़ा आरोप
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पहले मामला दर्ज नहीं करने का बनाया था दबाव
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एक दिन बाद हुई है मिसरोद थाने में एफआईआर
Bhopal Rape Case: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में एक प्राइवेट स्कूल के हॉस्टल में 8 साल की बच्ची के साथ रेप का मामला सामने (Bhopal Crime News) आया है।
आरोप है कि पुलिस ने मामला दर्ज नहीं करने का दबाव बनाया था। बंसल न्यूज डिजिटल अब इस देरी को लेकर एक नया खुलासा सामने लेकर आया है।
पहले घटना जान लीजिए
भोपाल के मिसरोद थाना क्षेत्र में दूसरी कक्षा की 8 साल की बच्ची के साथ प्राइवेट स्कूल के हॉस्टल में दुष्कर्म (Bhopal Rape Case) किया गया।
बच्ची को नशीला पदार्थ खिलाकर बेसुध करके उसके साथ दुष्कर्म किया गया। बच्ची की मां का आरोप है कि मिसरोद थाना पुलिस ने पहले मामला दर्ज नहीं करने का उन पर दबाव बनाया था।
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एक दिन बाद दर्ज हुई एफआईआर
फोन पर बच्ची के रोने और मामला संदिग्ध लगने पर पीड़िता की मां सोमवार को ही हॉस्टल पहुंची और वहां से बच्ची को जेपी अस्पताल लेकर गई।
जानकारी के अनुसार पीड़िता की मां सोमवार को ही एफआईआर (Bhopal Minor Girl Rape Case) करना चाह रही थी, लेकिन एसआई प्रकाश राजपूत ने उसे ऐसा करने से रोका।
हालांकि महिला मंगलवार को दोबारा थाने पहुंची, जिसकी बाद आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई।
मां की हिस्ट्री बनी देरी की वजह!
अब सवाल ये है कि आखिर पुलिस ने पीड़िता की मां की एफआईआर दर्ज करने में क्यों देरी की। बंसल न्यूज डिजिटल ने जब इसकी पड़ताल की तो नया खुलासा सामने आया।
दरअसल पीड़िता की मां की क्रिमिनल हिस्ट्री रही है। इसलिए पुलिस पहले एफआईआर करने में न नुकुर कर रही थी।
मां पर दर्ज है आपराधिक मामले
पीड़िता (Bhopal Rape Case) की मां पर क्रेटा गाड़ी और रिवाल्वर चुराने तक के आरोप लगे हैं। बताया जा रहा है कार और रिवाल्वर किसी पुलिसकर्मी की ही थी।
हबीबगंज थाने में इसे लेकर मामला भी दर्ज हुआ था। गिरफ्तारी भी हुई थी। इसके अलावा भी कई मामलों में पीड़िता की मां का संदिग्ध क्रिमिनल बैकग्राउंड रहा है।
इस एक सवाल ने भी उलझाया
पीड़िता (Bhopal Rape Case) की मां के रहने की दो लोकेशन सामने आ रही है। पहला भोपाल और दूसरा इंदौर। इसमें से लोकेशन भले ही कोई भी सही हो, लेकिन सवाल खड़े हो गए।
इंदौर मध्य प्रदेश में एजुकेशन का हब माना जाता रहा है। यदि महिला इंदौर में रहती है तो उसने अपनी बच्ची के भोपाल के बोर्डिंग स्कूल में क्यों दाखिला दिलाया।
यदि महिला भोपाल में ही रहती है तब भी वो क्या परिस्थिति थी जिसके कारण बच्ची को लोकल में रहने के बावजूद हॉस्टल में रखा गया।
पुलिस पर भी सवाल खड़े होना लाजमी
कानून सबसे ऊपर है और इसलिए पुलिस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। पीड़िता (Bhopal Rape Case) की मां की हिस्ट्री चाहे जो भी रही हो, लेकिन उसका इस केस से कोई संबंध नहीं है।
पुलिस को चाहिए था कि सबसे पहले वो बिना देर किए मामले में प्राथमिकी दर्ज करती और फिर उसके बाद सभी संभावित एंगलों पर उसकी जांच करती।
पुलिस ने ये दिया तर्क
मामले को लेकर जोन-2 की डीसीपी श्रद्धा तिवारी का कहना है कि ऐसा बिल्कुल नहीं है कि पीड़िता की मां के क्रिमिनल बैकग्राउंड को देखते हुए एफआईआर दर्ज करने में देरी की गई।
जबकि पीड़िता की मां ने खुद बताया था कि उसका आपरेशन हुआ है, इसलिए वो एक दिन बाद एफआईआर दर्ज कराने आएगी।
स्कूल प्रबंधन ने पीड़िता की मां पर ही लगाए आरोप
स्कूल की डायरेक्टर प्रियंका मोदी ने पीड़िता (Bhopal Rape Case) की मां पर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यह पूरा मामला फर्जी एवं मनगढ़ंत है।
पूरा मामला केवल ब्लैक मेलिंग एवं स्कूल की छबि धूमिल करने के हिसाब से फैब्रिकेट किया गया है। हम अपना पक्ष पुलिस के समक्ष रख चुके हैं।
हमें अपने न्याय व्यवस्था पर पूर्ण विश्वास है। पीड़िता की मां पर पहले से ब्लैकमेलिंग और एक्सटोर्शन के मामले दर्ज है।
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डेढ़ साल पहले ही साउथ की बड़े स्कूल चेन ने किया था टेकओवर
दुष्कर्म और पास्को एक्ट के मामले में बोलने और लिखने की अपनी सीमाएं होती हैं, इसलिए हम स्कूल का नाम तो उजागर नहीं कर सकते।
पर हम आपको इतना जरुर बता दें कि मीडिया में जिस स्कूल की बात की जा रही है। उसका नाम चेंज हुए डेढ़ साल से अधिक का समय हो चुका है।
स्कूल को साउथ के एक बड़े स्कूल चेन ने डेढ़ साल पहले टेकओवर कर लिया था। जिसके बाद से इसका नाम बदल गया।
हालांकि इसमें ये बात भी सामने आ रही है कि हॉस्टल का संचालन आज भी पुराने स्कूल का प्रबंधन ही करता है और नए स्कूल का इससे लेना देना नहीं है।
पुलिस ने जब्त किये सीसीटीवी फुटेज
मंगलवार रात को मामले में एफआईआर होने के बाद बुधवार सुबह पुलिस स्कूल पहुंची। यहां उन्होंने हॉस्टल के घटनास्थल की जांच कर उसे सुरक्षित कर लिया है।
वहीं सीसीटीवी फुटेज भी जब्त किये हैं। जिसे पुलिस खंगाल रही है।