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ग्वालियर हाईकोर्ट ने शिक्षक की बर्खास्तगी रद्द की:कहा-सजा गंभीर अपराध की श्रेणी में नहीं, DEO को पुनर्विचार करने का आदेश

Madhya Pradesh Gwalior Teacher Service Dismissal Case Update: ग्वालियर हाईकोर्ट की एकल पीठ ने एक प्राथमिक शिक्षक की सेवा से बर्खास्तगी के आदेश को रद्द कर दिया है

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BP Shrivastava
Gwalior Teacher Dismissal Case

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हाइलाइट्स

  • हाईकोर्ट ने शिक्षक की बर्खास्तगी रद्द की
  • कोर्ट ने कहा- दंड था अत्यधिक कठोर
  • कोर्ट ने बर्खास्तगी को अनुचित बताया
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Gwalior Teacher Service Dismissal Case Update: ग्वालियर हाईकोर्ट की एकल पीठ ने एक प्राथमिक शिक्षक की सेवा से बर्खास्तगी के आदेश को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने इस दंड को अनुचित और अत्यधिक कठोर बताया। कोर्ट ने भिंड के जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) को शिक्षक को पुनः पदस्थ करने और मामले की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए दंड पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया है।

यह मामला भिंड जिले के गोर्मी स्थित सरकारी प्राथमिक स्कूल मनी का पुरा (टिकरी) में पदस्थ शिक्षक कमल किशोर कुशवाह से संबंधित है। उन्हें वर्ष 2023 में भारतीय दंड संहिता की धारा 325/34 के तहत एक साल के सश्रम कारावास और 500 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई गई थी।

कोर्ट ने क्या की टिप्पणी

भिंड जिले के गोरमी के सरकारी प्राथमिक विद्यालय मनी का पुरा (टिकरी) में पदस्थ शिक्षक कमल किशोर कुशवाह की बर्खास्तगी पर ग्वालियर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि शिक्षक को मिली सजा गंभीर अपराध की श्रेणी में नहीं आती, इसलिए केवल दोष सिद्धि के आधार पर सेवा से बर्खास्त करना उचित नहीं है।

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DEO ने किया था बर्खास्त

यह मामला वर्ष 2023 का है, जब कमल किशोर कुशवाह को भारतीय दंड संहिता की धारा 325/34 के तहत एक साल के सश्रम कारावास और 500 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई गई थी। इस आधार पर जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) ने 6 जून 2024 को मध्य प्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के तहत उनकी सेवाएं समाप्त कर दी थीं।

शिक्षक की बर्खास्तगी अनुचित- कोर्ट

जस्टिस आशीष श्रोती की पीठ ने आदेश में कहा कि किसी सरकारी कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई करते समय अधिकारियों को अपराध की प्रकृति, उसकी जिम्मेदारियों और सजा की गंभीरता पर विचार करना चाहिए। केवल दोष सिद्ध होने पर बर्खास्तगी अनुचित है। इस मामले में याचिकाकर्ता शिक्षक की ओर से वकील डी.पी. सिंह ने पैरवी की।

Gwalior News Teacher Service Dismissal Bhind DEO
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