Madhavi Raje Scindia: मध्यप्रदेश के ग्वालियर राजघराने की राजमाता और ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे सिंधिया का बुधवार को दिल्ली में निधन हो गया। दिल्ली के एम्स में उन्होंने 75 वर्षीं की आयु में अंतिम सांस ली।
माधवी राजे का काफी दिनों से दिल्ली में इलाज चल रहा था। मगर पिछले दो हफ्ते से उनकी तबियत ज्यादा खराब हो गई थी। चलिए आपको बताते हैं उनसे जुड़े पांच अनसुने किस्से।
शादी के बाद बदला नाम
वर्ष 1966 में माधवी राजे का विवाह माधवराव सिंधिया के साथ हुआ था। शादी से पहले उनका नाम प्रिंसेस किरण राज लक्ष्मी था, लेकिन माधव राव सिंधिया से शादी के बाद मराठी परंपरा के अनुसार उनका नाम बदलकर राजमाता माधवी राजे कहलाने लगीं थीं।
दादा थे नेपाल के प्रधानमंत्री
माधवी राजे नेपाल की रहने वालीं थीं, उनका तातुल्क नेपाल के राजघराने से था। जबकि उनके दादा शमशेर जंग बहादुर राणा नेपाल के प्रधानमंत्री रह चुके हैं।
शादी से पहले मिलना चाहते थे महाराज
महाराज माधव राव और किरण राज लक्ष्मी की शादी के समय एक किस्सा काफी सुर्खियों रहा था। दरअसल जब दोनों की शादी तय हुई थी उसके बाद कहा जाता है कि माधव राव सिर्फ एक तस्वीर देखकर इस शादी के लिए हां कर दी थी। बताया जाता है कि वह शादी से पहले किरण राज लक्ष्मी से मिलना चाहते थे, लेकिन परिवार की बंदिशों ने ऐसा पूरा नहीं होने दिया।
ग्वालियर से दिल्ली चलाई विशेष ट्रेन
माधवराव सिंधिया और किरण राजलक्ष्मी की शादी का समारोह दिल्ली में आयोजित किया गया था। इस शाही विवाह में देशी और विदेशी मेहमान शामिल हुए थे। ग्वालियर के राजघराने की स्पेशल शादी के लिए विशेष ट्रेन चलवाई गई थी। यह ट्रेन ग्वालियर से बारातियों दिल्ली लेकर पहुंची थीं।
जब शादी होने के बाद किरण राज लक्ष्मी सिंधिया परिवार की बहु बनकर दिल्ली से ग्वालियर लौटी थीं तो उनका भव्य स्वागत हुआ था। महल को दुल्हन की तरह सजा दिया गया था तो वहीं, रास्ते पर फूल बिछाए गए थे।
सास और पति की मौत के बाद परिवार को संभाला
माधवी राजे का जीवन राज परिवार में रहने के बाद भी जीवन में काफी चुनौतियों से संघर्ष करना पड़ा। इसके बाद 25 जनवरी 2001 में सास विजयाराजे सिंधिया के निधन के बाद उन पर राजमाता की जिम्मेदारी आ गई।
सास के निधन के 8 महीने बाद ही 30 सितंबर 2001 को प्लेन क्रैश में उन्होंने ग्वालियर के महाराज और पति माधवराज सिंधिया को भी खो दिया। इस स्थिति में उन्होंने खुद को भी संभाला और परिवार को भी बिखरने से बचाया।
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