हाइलाइट्स
- नौकरी कर रहे पिता को बताया मृत
- बहू की सेवा समाप्ति का नोटिस जारी
- मृत बेटे पर पीईएच एफआईआर करेगी
Madhya Pradesh Gwalior PHE Department Anukampa Niyukti Fraud Case: ग्वालियर (Gwalior) में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (Public Health Engineering Department) में अनुकंपा नियुक्ति (compassionate appointment) में एक बड़ा फर्जीवाड़ा (fraud) सामने आया है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (Public Health Engineering Department) में पंप अटेंडर (pump attender) के एक पद पर एक ही परिवार के तीन सदस्यों को नौकरी (Job) दे दी गई, जब मामला सामने आया तो अधिकारियों ने मृत पंप अटेंडर की बहू को नौकरी से बर्खास्त करने का नोटिस जारी किया। अब विभाग उनके बड़े बेटे पर एफआईआर (FIR) के लिए पुलिस थाने में लिखा है। इस पद सिर्फ छोटा बेटा ही अनुकंपा नौकरी करेगा।
जानें कैसे हुआ पूरा फर्जीवाड़ा
जिंदा पिता को बड़े बेटे ने कागजों में दिखाया मृत
दरअसल, ग्वालियर (Gwalior) में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ( (Public Health Engineering Department) ) में आधार पंप अटेंडर (pump attender) के पद पर भूप सिंह की नौकरी कर रहे थे। साल 2007 में पंप अटेंडर भूप सिंह (Pump Attendant Bhoop Singh) को कागजों में मृत बता दिया और उनके बड़े बेटे रवि राजपूत को 5 सितंबर 2008 को हेल्पर की नौकरी दी गई। जबकि उस समय भूप सिंह खुद विभाग में काम कर रहे थे।
पिता की मौत पर छोटे बेटे को मिली अनुकंपा
30 अक्टूबर 2021 को पंप अटेंडर भूप सिंह (Pump Attendant Bhoop Singh) का हकीकत में निधन हुआ, तो उनके छोटे बेटे पुष्पेंद्र को 10 फरवरी 2023 को चौकीदार के पद पर अनुकंपा नियुक्ति (compassionate appointment) दी गई। इस तरह, एक पिता की दो बार मृत दिखाकर उनके दोनों बेटों ने नौकरी हासिल कर ली।
पति की मौत पर दूसरी अनुकंपा नियुक्ति
इस बीच बड़े बेटे रवि राजपूत की 12 जून 2022 को मौत हो गई, जिस पर उसकी पत्नी उमा राजपूत ने अनुकंपा के लिए आवेदन किया और जांच समिति के फैसले के बाद 5 अक्टूबर 2023 को उमा को सहायक केमिस्ट के पद पर नियुक्ति दे दी गई।
बड़े बेटे का नियुक्ति आदेश था फर्जी
पीएचई विभाग के मुख्य अभियंता आरएलएस मौर्य (Chief Engineer of PHE Department RLS Maurya) के मुताबिक, रवि राजपूत की नियुक्ति का आदेश फर्जी था, जिसकी जांच की जा रही है। एफआईआर की भी तैयारी है।
आगे क्या होगा ?
- रवि राजपूत की नियुक्ति पर पीएचई (PHE) विभाग एफआईआर (FIR) दर्ज जाएगी।
- रवि की पत्नी उमा राजपूत को सेवा समाप्ति का नोटिस जारी किया।
- 13 मई को विभाग ने उमा राजपूत को यह नोटिस जारी किया गया।
जानें अनुकंपा नियुक्ति के नियम
अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता
किसी भी सरकारी कर्मचारी की सेवाकाल के दौरान मृत्यु होने पर, उनके परिवार के एक आश्रित सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी।
पत्नी या पति: सबसे पहले दिवंगत कर्मचारी की पत्नी या पूरी तरह से उन पर आश्रित पति को पात्रता मिलेगी।
पुत्र या अविवाहित पुत्री: यदि पति/पत्नी योग्य नहीं हैं, या खुद नौकरी नहीं लेना चाहते, तो उनके द्वारा नामित पुत्र या अविवाहित पुत्री को नियुक्ति मिल सकती है।
अन्य महिला सदस्य: विधवा या तलाकशुदा पुत्री, जो कर्मचारी की मृत्यु के समय उन पर पूरी तरह आश्रित थी, या विधवा बहू, जो कर्मचारी के साथ रह रही थी, पात्र होंगी।
विवाहित पुत्री: अगर कर्मचारी की केवल पुत्रियाँ हैं और वे विवाहित हैं, तो पति/पत्नी द्वारा नामित विवाहित पुत्री को नियुक्ति मिल सकती है। इसके लिए विवाहित पुत्री को यह शपथ पत्र देना होगा कि वह पति/पत्नी का भरण-पोषण करेगी।
दत्तक संतान: कानूनी रूप से गोद ली गई संतान को भी पात्रता मिलेगी।
भाई या बहन: अविवाहित कर्मचारी की मृत्यु होने पर उनके माता-पिता की सिफारिश पर भाई या अविवाहित बहन को नौकरी दी जा सकती है। यदि माता-पिता भी जीवित न हों, तो छोटे अविवाहित भाई/बहन को आपसी सहमति से नियुक्ति दी जाएगी।
सभी सदस्यों की सहमति: यदि पति/पत्नी दोनों जीवित नहीं हैं, तो परिवार के सभी सदस्यों की सहमति से नामित एक सदस्य को नियुक्ति मिलेगी। अगर सहमति नहीं बनती है, तो कलेक्टर इस पर निर्णय लेंगे।
ये है पात्रता की शर्तें
न्यूनतम योग्यता: आवेदक को नौकरी के लिए जरूरी न्यूनतम योग्यता पूरी करनी होगी।
समय सीमा: कर्मचारी की मृत्यु के 7 साल के भीतर आवेदन करने पर ही अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी। यदि पहली संतान अवयस्क है, तो उसे वयस्क होने के 1 साल के भीतर आवेदन करना होगा।
लापता कर्मचारी: 7 साल से अधिक समय से लापता कर्मचारी के परिवार को नियुक्ति दी जा सकती है, बशर्ते पुलिस में एफआईआर दर्ज हो और पुलिस कोई रिपोर्ट न दे पाए।
अनुकंपा नियुक्ति के लिए अयोग्य
- सेवानिवृत्ति के बाद मृत्यु: यदि कर्मचारी की मृत्यु रिटायरमेंट के बाद हुई हो।
- सेवा से हटाए गए कर्मचारी: यदि कर्मचारी को पहले सेवा से बर्खास्त किया गया था।
- सार्वजनिक उपक्रम के कर्मचारी: सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारियों के परिवार पात्र नहीं होंगे।
- अस्थायी कर्मचारी: यदि दिवंगत कर्मचारी प्रशिक्षु, तदर्थ या संविदा के आधार पर नियुक्त था।
- आश्रित न होना: यदि आवेदक आश्रित सदस्यों की परिभाषित श्रेणी में नहीं आता है।
जरूरी योग्यता और छूट
शैक्षणिक योग्यता: मध्य प्रदेश के बाहर से प्राप्त शैक्षणिक योग्यता भी मान्य होगी।
भर्ती नियमों से छूट: भर्ती के नियमों, जैसे चयन प्रक्रिया और रोजगार कार्यालय में पंजीकरण, से छूट मिलेगी।
आयु सीमा: मृतक की पत्नी के लिए अधिकतम आयु सीमा में पूरी छूट है। अन्य आश्रितों के लिए अधिकतम आयु में 5 साल की छूट मिलेगी (40+5=45 साल)।
कम्प्यूटर दक्षता: सहायक ग्रेड-3 के पद पर नियुक्त व्यक्ति को कम्प्यूटर डिप्लोमा और टाइपिंग परीक्षा पास करने के लिए 3 साल का समय दिया जाएगा, जिसे एक साल और बढ़ाया जा सकता है।
संतानों की संख्या: 26 जनवरी 2001 के बाद दो से अधिक संतान होने पर भी अनुकंपा नियुक्ति में कोई बाधा नहीं होगी।
अनुकंपा नियुक्ति के पद
- अनुकंपा नियुक्ति आवेदक की योग्यता के अनुसार सीधी भर्ती के निचले पदों पर दी जाएगी।
- तृतीय श्रेणी: सहायक ग्रेड-3, संविदा शाला शिक्षक, पटवारी, ड्राइवर और तकनीकी पद (यदि योग्यता हो)।
- चतुर्थ श्रेणी: यदि तृतीय श्रेणी की योग्यता न हो तो चतुर्थ श्रेणी के पद पर।
- विशेष पद: जेल विभाग में प्रहरी और आबकारी व परिवहन विभाग में आरक्षक के पद पर भी नियुक्ति हो सकती है, यदि आवेदक शारीरिक रूप से सक्षम हो।
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