Gwalior News: शहर के बीचो-बीच निकलने वाली स्वर्ण रेखा नदी कभी शहर का गौरव हुआ करती थी लेकिन आज यह नदी शहर के लिए कलंक मानी जा रही है। वर्तमान में स्वर्ण रेखा नदी नाले के रूप में नजर आ रही है। नदी में साफ पानी की वजह चारों तरफ से गंदा पानी और गंदगी एकत्रित हो चुकी है।
नदी से नाला बनी स्वर्ण रेखा नदी
नदी के सफाई के नाम पर 200 करोड़ रुपये से अधिक की राशि नगर निगम और पीएचई विभाग के द्वारा बंदरबांट की जा चुकी है। स्वर्णरेखा की लंबाई 13 किलो मीटर से अधिक है और इसमें 84 नालों का गंदा पानी पहुंच रहा है। स्वर्णरेखा के आसपास बड़ी संख्या में अतिक्रमण भी किया जा चुका है।
2001 में शुरु हुआ सौंदर्यीकरण का काम
स्वर्णरेखा के आसपास वृक्षारोपण, सफाई और जलियां लगाने का काम नगर निगम को सोपा गया था। लेकिन अभी तक इस काम की शुरुआत भी नहीं हो पाई है। स्वर्णरेखा नदी के सौंदर्य को लौट के लिए न्यायालय में याचिका भी लगाई जा चुकी है।
न्यायालय बार-बार अधिकारियों को ठोस कदम उठाने की बात कह रहा है। लेकिन अभी तक अधिकारी इस काम पर क्या स्वर्ण रेखा अपने मूल रूप में लौट पाएगी या इसी तरह से नालों के रूप में आगे भी दिखाई देती रहेगी यह देखना दिलचस्प होगा।
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