Gwalior News: ग्वालियर से जमीन अधिग्रहण मुआवजे में बड़ा घोटाला सामने आया है, जहां सरकार द्वारा मुआवजे के लिए भेजे गए करोड़ों रुपए भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए। आपको बता दें भूमिअधिग्रहण कार्यालय में बतौर आउटसोर्स कर्मचारी रूपसिंह ने मुआवजे की राशि करीब 2.65 करोड़ रुपए अपने रिश्तेदारों और परिचितों के अकाउंट्स में ट्रांसफर कर लिए। मामले में शिवपुरी पुलिस कोतवाली (Gwalior News) में 19 मई 2024 को FIR दर्ज कराई थी।
मुआवजे की राशि में किया फर्जीवाड़ा
मामले में चौंकाने वाली बात ये है कि शुरुआत में गांव नांद के 4 लोगों को 6.55 लाख रुपए का भुगतान करना था, लेकिन फर्जीवाड़ करते हुए 8 लोगों को 26.55 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए। जब शिवपुरी कलेक्टर ने मामले की जांच कराई तो सारी सच्चाई सामने आई। पता चला कि अपात्र लोगों के खाते में करीब 6 करोड़ की राशि का भुगतान किया गया।
सभी 18 आरोपियों की जमानत याचिका खारिज
मामले में इस घोटाले का मास्टरमाइंड रूप सिंह को पुलिस ने 26 जुलाई 2024 को गिरफ्तार कर लिया था। रूप सिंह और अन्य 17 आरोपियों ने अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी। सरकारी अधिवक्ता भानुप्रताप की मानें तो आरोप की गंभीरता को देखते हुए 18 आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया है। मामले में सभी 18 आरोपियों ने बैंक से पैसे भी निकाल लिए थे।
गबन की राशि से कराई कथा, बनाया मकान
मुआवजे के पैसों ने से रूप सिंह ने शिवपुरी में प्रसिध्द कथावाचक जय किशोरी से साल 2023 में कथा भी कराई थी, जिसमें एक करोड़ रुपए खर्च किए थे। इसके अलावा बाकी के पैसों में से एक क्रन, JCB चार पहिया वाहन, आईफोन, प्लॉट और एक बंदूक खरीदी। खरीदे गए प्लॉट पर आलीशान मकान भी बनाया।
मामले में पुलिस ने जब आरोपी रूपसिंह से पूछताछ की तो बताया कि उसने रिश्तेदारों के खाते में पैसे ट्रांसफर किए। इसके बाद उन्हें अपने साथ बैंक ले जाकर पैसे निकाल लिए थे। इस काम के एवज में खाताधारकों को कमीशन देता था।
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