हाइलाइट्स
- गौशाला में करीब 10 हजार से ज्यादा गौवंश
- 3 दमकल की गाड़ियां मौके पर मौजूद
- आग बुझाने की कोशिश जारी
Gwalior Fire Accident: ग्वालियर के लाल टिपारा गौशाला में भीषण आग लग गई, जिससे करीब 10 हजार से अधिक गौवंश खतरे में आ गए। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर 3 दमकल की गाड़ियां पहुंच गईं और आग बुझाने का प्रयास जारी है। अभी तक आग लगने के कारणों की जानकारी नहीं मिल पाई है। इस घटना से गौशाला में मौजूद पशुओं और संपत्ति को भारी नुकसान होने की आशंका है।
बता दें लाल टिपारा गौशाला देश की पहली आधुनिक और आत्म-निर्भर गौशाला है। यहां इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के सहयोग से 2 हेक्टेयर क्षेत्र में एक बायो सीएनजी प्लांट स्थापित किया गया है। इस प्लांट में प्रतिदिन 100 टन गोबर का उपयोग करके 2 टन सीएनजी और 20 टन उच्च गुणवत्ता वाली जैविक खाद का उत्पादन किया जाता है।
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) March 6, 2025
देवर-भाभी के रील बनाने की वजह से हुआ धमाका
ग्वालियर के ‘द लेगेसी प्लाजा’ बिल्डिंग में बुधवार को हुए बड़े ब्लास्ट का कारण गुरुवार को सामने आया है। जांच में पता चला है कि एलपीजी सिलेंडर से गैस लीक होने की वजह से यह विस्फोट हुआ।
हालांकि, इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि यह घटना एक देवर-भाभी द्वारा गैस लीक करने की रील बनाने के दौरान हुई। पुलिस भी इस ब्लास्ट को लेकर हैरान थी क्योंकि विस्फोट इतना तेज था कि पूरी बिल्डिंग हिल गई और आसपास के इलाके में अफरा-तफरी मच गई।
देवर-भाभी बना रहे थे रील
- द लेगेसी प्लाजा में हुए ब्लास्ट के बाद जांच में पता चला कि बिल्डिंग की पहली मंजिल पर स्थित फ्लैट L-1 में अनिल राणा और उनकी भाभी रंजना राणा एलपीजी सिलेंडर से गैस लीक कर रहे थे।
- रंजना लोहे की छड़ से गैस लीक कर रही थीं, जबकि अनिल मोबाइल से इसकी रील बना रहे थे। देखते ही देखते दोनों ने आधा सिलेंडर खाली कर दिया।
- अचानक अनिल ने लाइट जलाई, जिससे तेज विस्फोट हुआ और पूरी बिल्डिंग हिल गई। इस घटना के बाद दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह जानकारी ग्वालियर एसपी धर्मवीर सिंह ने दी।
बिल्डिंग और आसपास के इलाके को हुआ नुकसान
- ग्वालियर की यह सात मंजिला बिल्डिंग इस विस्फोट से बुरी तरह प्रभावित हुई है। पहली मंजिल पर हुए ब्लास्ट के कारण 100 से अधिक फ्लैटों को नुकसान पहुंचा है।
- कई फ्लैटों के कांच और खिड़कियां टूट गए हैं, जबकि कुछ फ्लैटों के दरवाजे टूटकर दूर तक जा गिरे। पार्किंग में खड़ी गाड़ियों के शीशे भी बुरी तरह से टूट गए।
- स्थानीय निवासियों ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में ऐसा तेज विस्फोट कभी नहीं देखा। उन्हें ऐसा लगा जैसे तेज भूकंप आया हो और पूरी बिल्डिंग हिल रही हो। इस वजह से सभी लोग अपने घर छोड़कर नीचे भागने लगे।
गैस लीक और हेलोजन लाइट
पुलिस ने बताया कि अनिल और रंजना खाली फ्लैट में एलपीजी सिलेंडर से गैस लीक कर रहे थे और इसकी रील बना रहे थे। रंजना ने दस्ताने पहनकर पिन से सिलेंडर की नोज से गैस लीक की, जबकि अनिल मोबाइल से वीडियो बना रहे थे। करीब 17 मिनट तक वीडियो बनाने के दौरान पूरा फ्लैट गैस चेंबर में तब्दील हो गया।
रोशनी कम होने के कारण अनिल ने हेलोजन लाइट जलाई, जिससे विस्फोट हुआ। विस्फोट में दोनों 90 प्रतिशत तक झुलस गए हैं और उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। गैस निकलने के कारण कमरे में वैक्यूम बन गया था, जिससे तेज विस्फोट हुआ। पुलिस इस मामले की और गहन जांच कर रही है।
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