Gwalior Jiwaji University EOW Action: मध्य प्रदेश के ग्वालियर से एक बड़ी खबर आई है, जहां जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलगुरु अविनाश तिवारी सहित 19 प्रोफेसर्स पर EOW ने धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। इन कुलगुरु और प्रोफेसर्स पर फर्जी कॉलेज को आर्थिक लाभ पहुंचाने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। कुलगुरु डॉ. अविनाश तिवारी पर फर्जी कॉलेज को आर्थिक लाभ पहुंचाने का आरोप है।
प्राइवेट कॉलेज को दी थी फर्जी मान्यता
मुरैना के निजी कॉलेज को फर्जी तरीके से मान्यता देने का मामला सामने आने पर भारी विवाद हुआ था। दरअसल मुरैना जिले के शिवशक्ति महाविद्यालय झुंडपुरा ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मान्यता प्राप्त की। जिसके बाद जमकर विरोध हुआ। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर स्कॉलरशिप और अन्य लाभ दिलाए जाने का भी आरोप लगा था। इस मामले में ग्वालियर निवासी अरुण कुमार तिवारी ने शिकायत दर्ज कराई थी।
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EOW ने की कार्रवाई
यूनिवर्सिटी के कुल सचिव और प्रोफेसर्स ने मिलकर शासन को करोड़ों रुपए का चपत लगाई है। इस मामले की जांच के बाद EOW ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत तेज कार्रवाई की। इसके साथ ही EOW ने मामले में कुल सचिव समेत 19 प्रोफेसर्स के खिलाफ धारा 420, 409, 467, 468 और 120B के तहत केस दर्ज किया है।
इन प्रोफेसर के खिलाफ FIR
कुलगुरु प्रो. अविनाश तिवारी सहित डॉ. एके हल्वे, डॉ. एसके गुप्ता, डॉ. एसके सिंह, डॉ. सीपी शिंदे, डॉ. आरए शर्मा, डॉ. केएस ठाकुर, ज्योति प्रसाद, डॉ. नवनीत गरूड़, डॉ. सपना पटेल, डॉ. एसके द्विवेदी, डॉ. हेमंत शर्मा, डॉ. राधा तोमर, डॉ. आरपी पांडेय, डॉ. एमके गुप्ता, डॉ. निमिषा जादौन, डॉ. सुरेश सचदेवा और डॉ. मीना श्रीवास्तव के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
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