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Gwalior News: कुलपति की मदद के मामले में दोनों छात्रों को मिली जमानत, सीएम ने दिए थे जांच के निर्देश

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Bansal News
Gwalior News: कुलपति की मदद के मामले में दोनों छात्रों को मिली जमानत, सीएम ने दिए थे जांच के निर्देश

ग्वालियर। MP News: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के दोनों छात्र नेताओं को जमानत मिल गई है। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने दोनों को जमानत दी है।

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बता दें कि 10 दिसंबर की रात ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर एक कुलपति की जान बचाने लिए दोनों युवक  जज की कार लेकर इलाज के लिए हॉस्‍पिटल ले गए थे। इसके बाद पुलिस ने गंभीर धाराओं में मामला दर्जकर दोनों को गिरफ्तार कर लिया था।

सीएम ने दिए थे जांच करने के निर्देश

मुख्यमंत्री मोहन यावद ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को जांच करने का निर्देश दिया। यादव ने कहा था, ‘‘संपूर्ण परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए जांच के बाद कार्रवाई करना उचित होगा। इस मामले की जांच का निर्णय लिया जाए।’’

यादव ने कहा कि छात्रों का कदम मानवीय दृष्टि से उचित था, लेकिन उनका तरीका गलत था। बिना सोचे समझे डकैती की धाराएं लगाना गलत है। मामले की जांच के बाद ही कार्रवाई करना चाहिए।

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डकैती के आरोप में की गिरफ़्तारी

पुलिस ने बताया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के ग्वालियर सचिव हिमांशु श्रोत्रिय (22) और उप सचिव सुकृत शर्मा (24) को डकैती विरोधी कानून मप्र डकैती और व्यपहरण प्रभाव क्षेत्र अधिनियम के तहत सोमवार को गिरफ्तार किया गया था।

इससे पहले शिवराज ने भी लिखा था पत्र

इससे पहले शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ को पत्र लिखकर एबीवीपी के दो पदाधिकारियों के लिए माफी मांगी थी।

चौहान ने न्यायमूर्ति मलिमथ को पत्र में लिखा, ‘‘हिमांशु श्रोत्रिय (22) और सुकृत शर्मा (24) का इरादा अपराध करने का नहीं था, इसलिए उनके भविष्य को ध्यान में रखते हुए उन्हें माफ कर दिया जाना चाहिए।

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चूंकि यह एक अलग तरह का अपराध है जो नेक इरादे और जीवन बचाने के उद्देश्य से मानवीय आधार पर किया गया है, इसलिए यह माफ करने लायक है।’’

कोर्ट ने कर दिया था जमानत देने से इनकार

डकैती मामलों के विशेष न्यायाधीश संजय गोयल ने उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि कोई व्यक्ति विनम्रता से मदद मांगता है, ताकत से नहीं।

न्यायाधीश ने घटना में पुलिस डायरी का हवाला देते हुए कहा कि एंबुलेंस बीमार व्यक्ति को ले जाने के उद्देश्य के लिए आदर्श वाहन है जो मरीज को लेने स्टेशन पर पहुंची थी।

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