Janmashtami Radha Krishna jewelry Rs 100 Crore: मध्यप्रदेश के ग्वालियर में एक करीब सौ साल से ज्यादा पुराना गोपाल मंदिर है। यहां राधा-कृष्ण विराजे हैं। आज 16 अगस्त को जन्माष्टमी पर राधा-कृष्ण हीरा, पन्ना, माणिक, पुखराज और नीलम जड़ित एंटीक गहन पहनते हैं। इन आभूषणों की कीमत करीब 100 करोड़ रुपए है।
यह मंदिर ग्वालियर में फूलबाग में स्थित है।
200 जवान और अफसरों का पहरा
सबसे खास बात यह है कि जब तक भगवान राधा-कृष्ण इन्हें धारण करते हैं, तब तक इनकी सुरक्षा में 200 से ज्यादा जवान और अफसर पहरा देते हैं।
50 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों से पुलिस 24 घंटे तक पल-पल की निगरानी रखती है।
इन बेशकीमती गहनों को साल भर बैंक के लॉकर में रखा जाता है और जन्माष्टमी की सुबह कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच ही निकाले जाते हैं।
इसके बाद गहनों और उनमें जड़े रत्नों की गणना करने के बाद भगवान राधा-कृष्ण को यह पहनाए जाते हैं।
माधवराज सिंधिया प्रथम ने कराई थी मंदिर की स्थापना
गोपाल मंदिर की स्थापना सन 1921 में ग्वालियर रियासत के तत्कालीन शासक माधवराव सिंधिया प्रथम ने की थी।
उन्होंने ही राधा-कृष्ण की पूजा के लिए चांदी के बर्तन और पहनाने के लिए रत्न जड़ित सोने के आभूषण बनवाए थे।
इनमें भगवान के पन्ना जड़ित सात लड़ी का हार जिसमें 55 सिर्फ पन्ना ही जड़े हैं। भगवान की सोने की बांसुरी पर हीरे और माणिक लगे हैं।
जन्माष्टमी पर लगता भक्तों का तांता
सोने की नथ, जंजीर और चांदी के पूजा के बर्तन हैं। हर साल जन्माष्टमी पर इन जेवरातों से राधा-कृष्ण का शृंगार किया जाता है।
इस स्वरूप को देखने के लिए भक्त सालभर का इंतजार करते हैं।
यही वजह है कि भक्तों का दर्शन के लिए तांता लगा रहता है। इनमें देशी-विदेशी सभी भक्त शामिल रहते हैं।
निगम प्रशासन रखता है गहनों की निगरानी
गोपाल मंदिर में राधा-कृष्ण पर चढ़ाए जाने वाले बेशकीमती और एंटीक गहनों का रख-रखाव और उनको बैंक से निकालने का काम ग्वालियर नगर निगम प्रशासन के जिम्मे रहता है।
गोपाल मंदिर में विराजमान राधाकृष्ण के विशेष श्रृंगार के बेशकीमती गहनों को सेन्ट्रल बैंक के लॉकर में रखा जाता है। नगर निगम ग्वालियर के पास इनको निकालने और रखने का अधिकार है।
कड़ी सुरक्षा में बैंक से निकाले जाते हैं गहने
हर साल जन्माष्टमी से पहले एक समिति बनाई जाती है, जो जन्माष्टमी की सुबह गहनों को बैंक लॉकर से निकालकर राधा-कृष्ण का शृंगार करवाती है।
रात भर मंदिर भक्तों के लिए खुला रहता है।
अगले दिन सुबह गहने बक्से में रखकर वापस बैंक लॉकर में रखवा दिए दिया जाता है।
यह सारा काम पुलिस की विशेष सुरक्षा में रहता है।
गहनों के बैंक से निकालते समय 50 पुलिस जवान व अफसर ट्रिपल लेयर सिक्युरिटी देते हैं।
राधा-कृष्ण की शोभा बढ़ा रहे हैं गहने
देश की आजादी से पहले तक भगवान इन जेवरातों को हमेशा धारण किए रहते थे, लेकिन आजादी के बाद से जेवरात बैंक के लॉकर में रखवा दिए गए।
इसके बाद 2007 में नगर निगम की देखरेख में आए और तब से लेकर हर बार जन्माष्टमी पर इन्हें लॉकर से निकाला जाने लगा।
तभी से लगातार हर जन्माष्टमी पर इन गहनों से भगवान राधा-कृष्ण सजाए जाते हैं।
थ्री लेयर सुरक्षा में रहते हैं भगवान, 200 जवान तैनात
ग्वालियर के फूलबाग में यह गोपाल मंदिर है। जन्माष्टमी पर यहां करोड़ों के गहने पहने सजे भगवान की सुरक्षा में 200 से ज्यादा जवान तैनात किए जाते हैं।
मंदिर की चारों तरफ से किलेबंदी की जाती है। हर दरवाजे पर मेटल डिटेक्टर गेट लगाए जाते हैं।
जिससे किसी भी तरह की कोई कमी न रहे। मंदिर के आसपास तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था रहती है।
50 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगे
जन्माष्टमी को लेकर यहां आधा सैकड़ा से ज्यादा CCTV कैमरे लगाए गए हैं।
जिनसे सभी मार्ग से लेकर मंदिर तक कड़ी नजर रखी जाएगी।
मंदिर में सामान्य रूप से भी कई CCTV कैमरे लगे हैं जो हमेशा मंदिर की निगरानी के लिए रहते हैं।
आज जन्माष्टमी पर निगरानी के लिए 50 से ज्यादा CCTV कैमरे अलग से लगाए गए हैं।
एक लाख से ज्यादा भक्त करते हैं दर्शन
गोपाल मंदिर के पंडित प्रदीप सरवटे ने बताया कि जन्माष्टमी पर बेशकीमती गहनों से भगवान राधा-कृष्ण का श्रृंगार किया गया है।
सुबह गहने पहनाए जाने के साथ ही आरती की गई और भक्तों के लिए मंदिर के पट खोल दिए गए।
रात को भगवान का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। जन्माष्टमी पर एक लाख से ज्यादा लोग मंदिर में दर्शन करते हैं।