ग्वालियर। जिले में दलित नाबालिग किशोरी Gwalior Gangrape Case के साथ गैंगरेप का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि नाबालिग घरों में चौका बर्तन का काम करती थी। रोज की तरह वह एक घर में काम करने पहुंची तो मकान मालिक के बेटे ने अपने दोस्त के साथ मिलकर उसे हवस का शिकार बना लिया। मामले की शिकायत करने पीड़िता पुलिस थाने पहुंची, लेकिन उसकी शिकायत नहीं सुनी गई।
नाबालिग ने अब थाना प्रभारी पर मारपीट करने और बयान बदलने का दबाव बनाने का आरोप लगाया है। आरोप है कि पीड़ित पक्ष पर दबाव बनाने के लिए पीड़िता के माता-पिता को भी थाने में बैठाया गया। घटना 31 जनवरी की रात की बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार 31 जनवरी को रात 11.23 बजे पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था,लेकिन अगले दिन सोमवार शाम इस मामले में उस समय बवाल खड़ा हो गया जब पीड़िता ने पुलिस पर थाने में बंद कर झाडू-डंडों से पीटने का आरोप लगाया।
पुलिस को नहीं सौंपने के निर्देश दिए
वही पुलिस का कहना था कि नाबालिग ने दूसरे पक्ष को फंसाने के लिए झूठा मामला दर्ज कराया है। नाबालिग ने कोर्ट में भी थाना प्रभारी और पूरे स्टाफ पर थाना में बंद कर कोर्ट में बयान बदलने के लिए पीटने का आरोप लगाया है। कोर्ट ने भी पीड़ित को उस थाने की पुलिस को नहीं सौंपने के निर्देश दिए हैं।
अलग अलग बताई गई उम्र
उधर नाबालिग के उम्र को लेकर भी बवाल मचा हुआ है। थाना प्रभारी ने बताया का कहना है कि घटना के बाद थाने पहुंची पीड़िता ने खुद को नाबालिग बताते हुए अपनी उम्र 15 साल बताई थी। जिस पर पुलिस ने पॉक्सो एक्ट की भी धारा लगाई। पर उसका जो आधार कार्ड उसने दिया उसमें उम्र 13 साल है। जब उसके पिता को बुलाया गया और उसने जो मार्कशीट दी है। उसमें लड़की की उम्र 18 साल 8 महीने है।