हाइलाइट्स
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3 सालों से GDA ने मांगने पर भी नहीं दिए डॉक्यूमेंट
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राज्य सूचना आयुक्त ने अथॉरटी पर की सख्त कार्रवाई
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GDA के रिटायर्ड अधीक्षण यंत्री पर लगा 10 हजार का जुर्माना
Gwalior Development Authority ने नियमों के खिलाफ जाकर प्लॉटों का आवंटन किया है. इसका खुलास RTI के जरिए हुआ. GDA के अधिकारी 2021 से मामले से जुड़े दस्तावेजों को भी छुपाए हुए थे.
कई बार मांगने पर भी अथॉरटी ने डॉक्यूमेंट नहीं दिए. जिसके बाद अब इस मामले पर राज्य सूचना आयुक्त ने कार्रवाई की है.
सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने GDA के रिटायर्ड अधीक्षण यंत्री पर 10 हजार का जुर्माना लगाया. इसके साथ ही GDA (Gwalior Development Authority ) से डॉक्यूमेंट भी मांगे हैं.
RTI में सामने आई ये जानकारी
सूचना आयोग में सुनवाई में RTI आवेदक ग्वालियर के अधिवक्ता एच एस यादव ने बताया कि उनके पिता की जमीन का अधिग्रहण ग्वालियर डेवलपमेंट अथॉरिटी ने किया था.
यादव का आरोप है कि अधिग्रहण करते समय जो अनुबंध किया था. उसके तहत प्लॉट का अलॉटमेंट होना चाहिए था. लेकिन उसमें गंभीर भ्रष्टाचार की शिकायतें मिलीं.
इन शिकायतों के बाद जुलाई 2021 में आरटीआई आवेदन दायर कर GDA से प्लॉट के अलॉटमेंट और नियमों की जानकारी मांगी. फटकार के बाद GDA ने आनन फानन में दस्तावेज सौंपे.
2021 में मांगे कागज 2024 में मिले
RTI आवेदक एच एस यादव ने 2021 में जानकारी नहीं मिलने पर सूचना आयोग में अपील दायर की थी. जिसके बाद सूचना आयोग ने सितंबर 2022 में जानकारी 15 दिन मे देने के लिए आदेश दिया.
लेकिन GDA ने फिर भी जानकारी नहीं दी. इसके बाद यादव ने सूचना आयोग में शिकायत दर्ज की. शिकायत की सुनवाई राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने की.
उन्होंने इसे गंभीर प्रकरण बताते हुए तत्काल इसमें जानकारी देने के निर्देश दिए.साथ ही उन्होंने अपने आदेश की कंप्लायंस रिपोर्ट भी मंगवा ली.और जुर्माने और अनुशासनिक कार्रवाई का नोटिस भी जारी कर दिया.
एक व्यक्ति के नाम पर 32 प्लॉट
RTI में जानकारी लगी कि GDA ने एक ही व्यक्ति के नाम पर कई प्लॉट एलॉट किए हैं. जानकारी में सामने आया कि GDA ने नियम कानून को ताक पर रखकर प्लॉट बांटे हैं.
श्री राम इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर GDA ने 32 प्लॉट अलॉट किए. इसी तरह कई अन्य लोगों के नाम पर छह से सात प्लॉट का अलॉटमेंट हुए.
दोषी अधिकारी के रिटायर्ड होने के बाद हुई कार्रवाई
GDA की ओर से गलत तरीके से जानकारी को रोकने वाले जिम्मेदार अधिकारी रिटायर्ड हो चुके तत्कालीन अधीक्षण यंत्री सुभाष सक्सेना पर आयोग ने जुर्माना लगाया है.
RTI में जानकारी छुपाने पर शासकीय सेवा में रहते हुए तो कार्रवाई होती है. लेकिन सेवानिवृत्त अधिकारी भी अब सूचना आयोग की सख्ती के चलते कार्रवाई की चपेट में आए.
इसी क्रम में सेवानिवृत्त अधीक्षण यंत्री ग्वालियर डेवलपमेंट अथॉरिटी (GAD) विरूद्ध 10 हजार के जुर्माने की कार्रवाई हुई.