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हाइलाइट्स
14 अगस्त 2023 को ग्वालियर के वन स्टॉप सेंटर से डबरा आश्रम भेजा
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर की रहने वाली हैं कलावती
फिंगरप्रिंट से पता चला उनका आधार कार्ड बना हुआ है
Gwalior News: ग्वालियर के डबरा में आधार कार्ड की मदद से एक और बिछड़े परिवार का रविवार को पुनर्मिलन हुआ। उत्तर प्रदेश के फतेहपुर की रहने वाली कलावती को डेढ़ साल बाद अपने परिवार से मिलन का मौका मिला है। मानसिक स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण वह दो साल पहले अपने घर से दूर हो गई थीं।
ऐसे पता चला कलावती के परिवार का
कलावती को 14 अगस्त 2023 को ग्वालियर के वन स्टॉप सेंटर से डबरा के अपने घर आश्रम भेजा गया था। डबरा के एसडीएम दिव्यांशु चौधरी ने आश्रम में रह रहे लोगों के आधार कार्ड बनवाने की प्रक्रिया शुरू की। इसी दौरान कलावती के फिंगरप्रिंट से यह पता चला कि उनका आधार कार्ड पहले से ही बना हुआ है।
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डबरा के अपना घर आश्रम में कलावती अपने घर के सदस्यों और अधिकारियों के साथ।[/caption]
कलावती फतेहपुर की निवासी
ई-प्रबंधक नीरज शर्मा ने आधार कार्ड की जानकारी के जरिए यह पता लगाया कि कलावती फतेहपुर जिले के एरई गांव की रहने वाली हैं। आश्रम की टीम ने इस पते पर संपर्क किया। जब परिवार को यह जानकारी मिली कि उनकी तीन साल से लापता मां वापस आ गई हैं, तो वे तुरंत डबरा पहुंच गए।
कलावती बेटे के साथ घर गईं
एसडीएम दिव्यांशु चौधरी और ग्वालियर डीएफओ अनुराधा पाण्डेय की उपस्थिति में कलावती का उनके बेटे शिवशंकर और दामाद से भावुक मिलन हुआ। यह दृश्य देखकर वहां मौजूद सभी की आंखों में आंसू आ गए। अब कलावती अपने परिवार के साथ गांव वापस लौट चुकी हैं।
ये लोग भी अपने बिछुड़ों से मिले
फरवरी महीने से डबरा के अपना घर आश्रम में आधार कार्ड बनाने का काम शुरू हुआ है। अब तक 7 प्रभुजी, जिनमें कृष्णा, करमचंद, सहदेव, देवांश, खेमचंद, लीलावती और देवी शामिल हैं, अपने परिवार से मिल चुके हैं।
MP के अस्पताल में बुजुर्ग से मारपीट: छतरपुर में सर्जन डॉ. राजेश मिश्रा बर्खास्त, सिविल सर्जन डॉ. अहिरवार भी सस्पेंड
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