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Guru Vakri 2022 : 16 नवंबर तक का समय, इन राशियों के लिए है बेहद खतरनाक

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Preeti Dwivedi
Guru Vakri 2022 : 16 नवंबर तक का समय, इन राशियों के लिए है बेहद खतरनाक

नई दिल्ली। Guru Vakri 2022 मीन राशि  में गुरू ने 8 अगस्त से Guru Vakri 2022, Jupiter Retrograde Pisces वक्री चाल शुरू कर दी है। इसी के साथ इनकी उल्टी चाल Vakri Guru Effect 2022  शुरू हो गई है। ज्योतिषाचार्य Astrology पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार गुरू को शुभ shubh grah ग्रह माना जाता है। जब भी कोई शुभ ग्रह वक्री चाल चलता है तो वह ज्यादा प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालते है। हालांकि ग्रहों का प्रभाव कुंडली में उस ग्रह के स्थान पर भी निभर्र करता है।

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अब सीधे 2023 में गुरू बदलेंगे राशि- guru rashi parivartan in 2023
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार जब मीन राशि में वक्री होकर गुरू 16 नवंबर तक इसी राशि में रहेंगे। पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार गुरू अब 16 नवंबर को मीन राशि में ही मार्गी होकर सीधी चाल शुरू करेंगे। इसके बाद ये 2023 में नवरात्रि के समय अपनी राशि बदलकर मेष में प्रवेश करेंगे।

इन्हें रहना होगा संभलकर – vakri guru effect 2033
आपको बता दें पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार जिस जातक की कुंडली में गुरू 6 वें, 8 वें और 12 वें भाव में होता है। उन्हें गुरू ज्यादा अच्छा फल नहीं देते हैं। साथ ही जिन जातकों की कुंडली में गुरू नीच के यानि मकर राशि में होते हैं उन्हें इस दौरान विशेष सतर्क रहने की जरूरत है।

मौसम में होगा परिवर्तन –
विशेषज्ञों की मानें तो जब भी कोई ग्रह वक्री, मार्गी, अस्त और उदित होता है उस दौरान वह मौसम पर असर जरूर डालता है। चूंकि गुरू वक्री हो रहे हैं इसलिए इस दौरान बारिश के भी योग बनेंगे। साथ ही मौसम में भी परिवर्तन देखने को मिलेगा।

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इन राशियों के लिए गुरू देंगे शुभ फल –

वृषभ राशि — vrash rashi
गुरू का ये गोचर वृष राशि के 11वें भाव में वक्री होने जा रहें हैं। आपको बता दें गुरू का ये गोचर इस राशि के जातकों के लिए बेहद खास होने वाला है। इन्हें नौकरी का नए ऑफर मिल सकते हैं। व्यापार में लाभ के साथ—साथ आय में वृद्धि होगी। साथ ही आपकी कार्यशैली में भी सुधार होगा।

मिथुन राशि —mithun rashi
वक्री अवस्था के दौरान गुरू मिथुन राशि के 10वें भाव में रहेंगे। इस दौरान मिथुन राशि के जातकों की कार्यशैली में सुधार होगा। साथ ही साथ इनके लिए निवेश करने के लिए समय अच्छा है। जिससे आपको भविष्य में फायदा मिल सकता है। नौकरी में तरक्की मिल सकती है।

कर्क राशि —kark rashi
देवगुरु बृहस्पति इस राशि के 9वें भाव में होने से इनका भाग्य चमकेगा। इनका भाग्य साथ देगा। व्यापारियों को मुनाफा होने वाला है। आय में वृद्धि होगी। साथ ही धार्मिक कार्यों में आपकी रूचि बढ़ेगी।

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कुंभ राशि  – kumbh rashi 
इस दौरान गुरू कुंभ राशि के दूसरे भाव में वक्री होंगे। आपको बता दें कुंभ राशि के जातकों को कार्यस्थल जैसे दफ्तर आदि में सभी का सहयोग मिलेगा। इस दौरान आपको उच्चाधिकारियों का विशेष साथ मिलेगा। धन लाभ के योग बनेंगे। साथ ही आप धन संचय कर पाएंगे।

इस भाव में गुरु होते हैं उच्च के — uchha ke guru 2022 
अगर आपको नहीं पता है कि आपकी कुंडली में गुरु किस भाव में हैं। तो हम आपको बताते हैं। दरअसल गुरु को चौथे भाव यानि कर्क राशि में उच्च का माना जाता है। अगर आपकी कुंडली के चौथे भाव में गुरु लिखा है तो समझ जाइए आपके लिए गुरू बहुत अच्छा परिणाम देने वाले हैं। वहीं कुडंली के नवमें और बारहवें भाव यानि धनु और मीन राशि में ये अपनी उच्च राशि में माने जाते हैं। इस भाव में होेने पर भी ये अच्छा फल देते हैं। तो वहीं अगर आपकी कुंडली में ये दसवें भाव यानि मकर राशि में हैं तो आपको सतर्क रहने की जरूरत है।

गुरु के भाव — guru ke bhav 

चौथे भाव में उच्च के — कर्क राशि
नौवे और बारहवें भाव में स्व राशि के — धनु और मीन
दसवें भाव में नीच के — मकर राशि

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गुरु इसलिए हैं खास — guru kyon hai khas 
ज्योतिष शास्त्र में कुल 9 ग्रह और 12 राशियों के आधार पर गणनाएं की जाती हैं। सभी ग्रहों में गुरु ग्रह सबसे ज्यादा शुभ फल देने वाले ग्रह माने गए हैं। ज्योतिष शास्त्र में गुरु ग्रह मान-सम्मान, विवाह, भाग्य, आध्यात्म, संतान के कारक ग्रह माना गया है। आज हम आपको साल 2022 में सबसे बड़े और शुभ ग्रह माने जाने वाले बृहस्पति (गुरु) ग्रह के बारे में बता रहे हैं कि साल 2022 में ये ग्रह किस राशि में रहेगा और कब-कब इसकी चाल में परिवर्तन देखने को मिलेगा।

जिन लोगों की कुंडली में बृहस्पति बलवान होते हैं उन्हें कई तरह लाभ प्राप्त होते हैं। जीवन में धन संपदा, मान सम्मान, प्रतिष्ठा और उच्च पद की प्राप्ति होती है। बृहस्पति ग्रह किसी एक राशि में गोचर करने के लिए लगभग 1 वर्ष का समय लेते हैं। गुरु ग्रह को दो राशियों का आधिपत्य प्राप्त है धनु और मीन। गुरु ग्रह जब भी कर्क राशि में आते तब वे उच्च के होते हैं यानी ये कर्क राशि में अच्छा फल प्रदान करते हैं जबकि मकर राशि में नीच के होते हैं।

 गुरु की स्थिति — kundli me guru ki sthiti 

12 अप्रैल
16 नवंबर से कुंभ राशि में प्रवेश कर रहे गुरु अगले साल भी इसी राशि में रहेंगे। इसके बाद नए सा​ल के चौथे महीने यानि में 12 अप्रैल को कुंभ से अपनी स्वराशि मीन राशि में गोचर करेंगे।

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27 मार्च
फिर इसके बाद 23 फरवरी 2022 को बृहस्पति अस्त हो जाएंगे। यहां पर करीब एक माह अस्त होने के बाद ये 27 मार्च 2022 को पुन: एक बार उदय होंगे।

13 अप्रैल
13 अप्रैल 2022 को बृहस्पति अपनी खुद की राशि मीन में गोचर करेंगे। इसके बाद पूरे वर्ष ये मीन राशि में ही मौजूद रहेंगे।

29 अप्रैल
देवगुरू बृहस्पति 29 जुलाई 2022 को मीन राशि में वक्री हो जाएंगे। इसके बाद 24 नवंबर 2022 को बृहस्पति दोबारा से मार्गी होंगे।

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