नई दिल्ली। Guru Uday 2023 31 मार्च को अस्त हुए गुरू एक बार फिर उदित होने जा रहे हैं। आपको बता दें बीते महीने की अंतिम तारीख को देव गुरू वृहस्पति अस्त हो गए थे। जिसके बाद अब इस महीने की 29 तारीख को इनका परिवर्तन होगा। जिसके बाद से एक बार फिर शुभ कार्यों पर लगी लगाम हट जाएगी।
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इस दिन अस्त हुए थे गुरू – Akshaye Tritiya 2023 per guru asta
ज्योतिषाचार्य पंडित अनुसार 31 मार्च को अस्त हुए गुरू एक बार फिर अपनी चाल बदलने जा रहे हैं। 29 अप्रैल को इनका उदय हो रहा है। यानि अभी तक जो गुरू के अस्त के कारण शुभ कार्यों पर रोक लगी थी वह हटने वाली है। लेकिन आपको बता दें अभी सूर्य भी 14 अप्रैल को अपनी राशि बदलेंगे। इसके बाद शुरू कार्य शुरू हो जाएंगे। 23 अप्रैल को अक्षय तृतीया पड़ेगी। लेकिन गुरू के अस्त होने के कारण इस बार अक्षय तृतीया पर शादियां नहीं हो पाएंगी।
इस दिन से शुरू हो जाएंगे विवाह कार्य – Akshaye Tritiya 2023 vivah muhurat
पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार गुरू के अस्त होने के चलते करीब 29 अप्रैल तक विवाह कार्य बंद रहेंगे। इसके बाद 2 जून से एक बार फिर विवाह कार्य शुरू हो जाएंगे। जो करीब 26 जून तक रहेंगे।
कर्क के सूर्य होने से फिर बंद हो जाएंगे विवाह – kark me surya ka gochar
आपको बता दें इसके बाद एक बार फिर सूर्य के कर्क राशि में प्रवेश करने पर धार्मिक कार्य फिर बंद हो जाएंगे। जिसके बाद सीधे देव उठनी एकादशी पर फिर शहनाइयां बजने लगेंगी। यानि जब दीपावली के बाद बड़ी ग्यारस यानि गन्ना ग्यारस आएगी। इसके बाद से शादियों का दौर शुरू हो जाएगा।
दो महीने शादियां ही शादियां – vivah muhurat in may and june
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार भले ही अक्षय तृतीया पर विवाह मुहूर्त न हो। लेकिन इसके बाद मई और जून में जककर शहनाई बजेगी। यानि मई और जून में शादियों के बहुत सारे मुहूर्त रहेंगे। जब शादियां की जा सकेंगी।
गुरू के उपाय –
- जिन जातकों की कुंडली में गुरू अस्त होने पर कष्ट दे सकते हैं उनके लिए ज्योतिषाचार्य द्वारा कुछ उपाय सुझाए गए हैं।
- कुंडली में गुरु की स्थिति मजबूत बनाने के लिए विष्णु सहस्त्रनाम या हरिवंश पुराण का पाठ करने से शुभ परिणाम मिलते हैं। जिनकी कुंडली में गुरु की स्थिति कमजोर है वे गुरू को उदित होने तक ये उपाय जरूर करें।
- गुरु के अस्त होने के बाद प्रतिदिन माथे और नाभि पर केसर का तिलक लगाएं। बृहस्पति देव को पीला रंग बहुत पसंद है। अगले एक महीने तक पीपल के पेड़ में ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः।। मंत्र का जाप करते हुए जल चढ़ाएं। इससे बृहस्पति की अशुभता दूर होगी।