Guru Purnima 2023: यह एक धार्मिक हिंदू त्योहार है। यह दिन आध्यात्मिक और शैक्षणिक गुरुओं के सम्मान और कृतज्ञता के लिए मनाया जाता है।
महात्मा गांधी ने अपने आध्यात्मिक गुरु, श्रीमद रामचन्द्र को श्रद्धांजलि देने के लिए इस अवलोकन को पुनर्जीवित किया।
तब से यह त्योहार, जिसे व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, पारंपरिक रूप से भारत, नेपाल और भूटान के प्रमुख हिस्सों में हिंदू, जैन और बौद्धों द्वारा मनाया जाता है।
Guru Purnima 2023: तिथि और समय
गुरु पूर्णिमा दो शब्दों से मिलकर बना है। गुरु की उत्पत्ति संस्कृत के मूल शब्द गु और रु से हुई है। गु का अर्थ है ‘अंधकार’ या ‘अज्ञान’, और रु का अर्थ है ‘निवारक’, जिसका अर्थ है कि गुरु अंधकार या अज्ञान को दूर करने वाला है।
यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जो आमतौर पर जून या जुलाई के महीने में आता है। और इस वर्ष यह 3 जुलाई (सोमवार) को पड़ रहा है।
द्रिक पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा तिथि या पूर्णिमा की अवधि 2 जुलाई को रात 08:20 बजे शुरू होगी और 3 जुलाई को शाम 05:08 बजे समाप्त होगी।
Guru Purnima 2023: इसके पीछे की कहानी
गुरु पूर्णिमा के पीछे की कहानी ऋषि व्यास के जन्म से जुड़ी है, जिन्हें हिंदू पौराणिक कथाओं में सबसे महान गुरुओं में से एक माना जाता है।
किंवदंतियों के अनुसार, व्यास का जन्म इसी शुभ दिन पर हुआ था। माना जाता है कि उन्होंने वेदों को चार भागों में विभाजित किया था।
गुरु पूर्णिमा व्यास के ज्ञान और आध्यात्मिक और साहित्यिक ज्ञान में उनके योगदान का सम्मान करने का दिन है। यह उन सभी गुरुओं और शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है।
ये भी पढ़ें:
Bigg Boss Malayalam Season 5: बिग बॉस के घर में मोहनलाल की अचानक एंट्री, जानें क्या होने वाला है खास
Mariana Trench: समुद्र का वो रहस्य, जो सब जानना चाहते हैं, आपको भी जानकर होगी हैरानी
Housefull 5: एक बार फिर सिनेमाघर हाउसफुल, अक्षय कुमार ने की फिल्म की घोषणा
MP Congress News: कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी दोषी करार; मिली एक साल की सजा लेकिन जमानत पर रिहा