Guru Gochar 2024 Mesh: ग्रहों की चाल सीधे तौर लोगों पर असर डालती है। सूर्य तेज का प्रतीक हैं तो वहीं शुक्र सुख और वैभव के कारक हैं।
नवग्रहों में सूर्य महीने में एक बार तो वहीं गुरु साल में एक बार अपनी राशि परिवर्तन (Rashi Parivartan) करते हैं।
सूर्य ने बदली राशि
13 अप्रैल को सूर्य का राशि परिर्वन (Surya ka Rashi Parivartan) हुआ था। जब सूर्य मीन राशि से निकलकर अपनी उच्च राशि मेष में प्रवेश कर गए थे। लेकिन अब एक बार फिर इसका गोचर होने जा रहा है।
सूर्य 13 मई को मेष से निकलकर वृष राशि में प्रवेश (Surya ka Virsh me Gochar) कर जाएंगे। ज्योतिषीय गणना में सूर्य जब वृष राशि में होता है तो इस दौरान उसका तेज सबसे अधिक होता है। यानी इस दिन से भीषण गर्मी शुरू हो जाएगी। सूर्य (Surya) अपने चरम पर होगा।
वृष में सूर्य और गुरु की युति
ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार 13 मई को सूर्य मेष से वृष में गोचर (Surya ka mesh se vrish me gochar) करेंगे। इसके 15 दिन पहले यानी 28 अप्रैल को गुरु वृष राशि में (Guru Gochar in Virsh) पहुंच जाएंगे। गुरु का गोचर (Guru Gochar May 2024) एक साल में होता है। यानी गुरु एक साल बाद वृष राशि में आ रहे हैं इसके बाद अब एक साल बाद वे मिथुन में आएंगे।
शत्रु की राशि में गुरु का गोचर
पंडित शास्त्री के अनुसार वृष शुक्र की राशि है। शुक्र (Shukra) और गुरु (Guru) शत्रु राशि (Shatru Rashi) हैं। शुक्र दैत्य गुरु हैं जबकि वृहस्पति देव गुरु। इसलिए इन दोनों की तो शत्रुता है लेकिन ये शत्रु की राशि यानी शुक्र की राशि वृष में जा रहे हैं।
सूर्य का साथ दिलाएगा विजय
वैसे तो गुरु और शुक्र की युति शत्रुता वाली है। लेकिन गुरु और सूर्य की मित्रता (Surya Guru Yuti in Vrish) है इसलिए वृष राशि में गुरु के साथ सूर्य की युति (Guru Surya Yuti) गुरु का वर्चस्व बढ़ाएगी। यानी जिन जातकों की कुंडली में सूर्य (Kundli me Surya) और गुरु उच्च के हैं उनके लिए ये समय बेहद खास रहने वाला है।
गुरु का गोचर इन जातकों को दिलाएगा लाभ
ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार गुरु मकर राशि में नीच के होते हैं। इसलिए इस गोचर काल में मीन राशि के जातकों को सबसे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।
तो वहीं गुरु का गोचर (Guru ka Gochar) जिन जातकों की कुंडली में चौथे, आठवें और बाहरवें भाव में होगा, उन जातकों को बेहद सतर्क रहना होगा।
किसके लिए किस भाव में रहेंगे गुरु
वृष राशि में गुरु का गोचर (Guru Rashi Parivartan in Virsh) कुंभ राशि के चौथे, तुला राशि के आठवें और मिथुन राशि के बाहरवें भाव में होगा।
इसलिए वृष में गुरु का राशि परिवर्तन होने पर इन तीन जातकों को बेहद सावधान रहना होगा।
किसके लिए शुभ होगा गुरू का गोचर
ज्योतिषाचार्य के अनुसार कर्क गुरु की उच्च राशि (Guru ki Uchha Rashi) है, तो वहीं धनु और मीन उसकी स्व राशि हैं, इसलिए इन तीन जातकों को गुरु का गोचर (Guru ka Gochar) शुभ फल देगा।
इनके लिए सामान्य रहेगा वृष के गुरु का असर
मेष, वृष, सिंह, कन्या, वृश्चिक राशि के जातकों को गुरु के गोचर का सामान्य असर रहेगा।
वृष के साथ सूर्य की युति से बढ़ेगा वर्चस्व
जब वृष राशि में गुरु आ जाएंगे। तो इस दौरान जिन जातकों के लिए गुरु शुभ रहने वाले हैं उनका वर्चस्व बढ़ेगा। उनके मन में सात्विक विचार आएंगे। गुरु ज्ञान बढ़ाएंगे।
पीएम नरेंद्र मोदी के लिए बेहद खास होगी सूर्य-गुरु की युति
ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार शत्रु की राशि में गुरु का गोचर होने पर भी गुरु का वर्चस्व बढ़ेगा। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के लिए वृष राशि में गुरु का गोचर फल देगा। इनके लिए वृश्चिक के गुरु होने पर 13 मई तक का समय बेहद खास रहने वाला है।
इस दिन होगा वृष में गुरु का गोचर
बीते एक साल से गुरु मेष राशि में हैं, लेकिन अब 12 महीने बाद यानी एक साल बाद वृष राशि (Vrish Rashi) में करने जा रहे हैं। वृष गुरु के शत्रु यानी शुक्र की राशि (Shukra ki Rashi) है। इस राशि में 13 मई को सूर्य पहुंच जाएंगे। जिसके बाद दोनों की युति हो जाएगी।
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