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Gupta Navratri (Magh Navratri) 2 Feb 2022 : गुप्त नवरात्रि 2 फरवरी से, मात्र एक छोटे से उपाय से मिल सकता है प्रमोशन!

Gupta Navratri (Magh Navratri) 2 Feb 2022 : गुप्त नवरात्रि 2 फरवरी से, मात्र एक छोटे से उपाय से मिल सकता है प्रमोशन! gupta-navratri-magh-navratri-2-feb-2022-gupt-navratri-from-2nd-february-promotion-can-be-done-only-by-a-small-measure-pd

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Preeti Dwivedi
Gupta Navratri (Magh Navratri) 2 Feb 2022 : गुप्त नवरात्रि 2 फरवरी से, मात्र एक छोटे से उपाय से मिल सकता है प्रमोशन!

भोपाल। 2 फरवरी यानि Gupta Navratri (Magh Navratri) 2 Feb 2022 कल से गुप्त नवरात्रि प्रारंभ हो रही हैं। मां दुर्गा की उपासना के लिए इस दिन से गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो रही हैं। इन्हें माघ नवरात्रि भी कहा जाता है। ये 10 फरवरी तक चलेंगी। पंडित रामगोविन्द शास्त्री की मानें तो ये नवरात्रि मुख्यरूप से तंत्र विद्या और गुप्त साधना के लिए खास मानी जाती हैं। लेकिन आम व्यक्ति भी इस दौरान मां की विभिन्न पूजा अर्चना कर उन्हें प्रसन्न कर सकता है।

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आपको बता दें नवरात्रि प्रकट और गुप्त दो तरह की होती है। और ये दोनों ही साल में दो बार मनाई जाती हैं। प्रकट नवरात्रि में पूजा सार्वजनिक रूप से होती है लेकिन गुप्त नवरात्रि में पूजा गुप्त रूप से की जाती है। इतना ही नहीं इसमें मां काली के साथ—साथ 10 महाविद्याओं की गुप्त पूजा की जाती है। पंडित अनिल कुमार पाण्डेय के अनुसार गुप्त नवरात्र के दौरान मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा की जाती है। इन्हें ही दसमहाविद्या कहा जाता है। ये आषाढ़ और माघ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर नवमी तिथि तक होती है। आपको बता दें ये पूजन मुख्य रूप से तांत्रिक, साधकों द्वारा मंत्र सिद्धि के लिए किया जाता है। सामान्य जन भी गुप्त रूप से माता की आराधना कर अपने सभी संकटों के निवारण के लिए ये पूजन कर सकते हैं।

प्रकट नवरात्रि जैसी होना चाहिए पूजन विधि —
अन्य नवरात्रियों की तरह ही इस नवरात्रि में भी व्रत का संकल्प लेते हुए पहले दिन घटस्थापना करनी चाहिए। इसके बाद रोजाना सुबह और शाम के समय मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए। भोग की बात करें तो यहां मां को प्रतिदिन सुबह-शाम लौंग और बताशे का भोग जरूर लगाएं। इस दौरान यदि आप मां दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं तो ये आपको शुभ फल देता है।

इन रंगों के फूल चढ़ानें से मां होंगी प्रसन्न —

मेष राशि —
चूंकि मेष राशि के जातकों का संबंध मंगल ग्रह से होता है। इसलिए आपको देवी मां पूजन में आपको गुड़हल, लाल गुलाब या फिर कोई अन्य लाल रंग का फूल का उपयोग पूजन में किया जाना चाहिए।

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वृष राशि —
वृष राशि का स्वामी शुक्र ग्रह है। ऐसे में इस राशि के जातकों को गुप्त नवरात्रि के पावन पर्व पर सफेद कमल, सफेद गुड़हल, सदाबहार, बेला, हरसिंगार आदि सफेद फूल का उपयोग किया जाना चाहिए। इससे आपको शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

मिथुन राशि —
मिथुन राशि के जातकों का संबध बुध ग्रह से होता है। इसलिए इस राशि के जातकों को देवी दुर्गा को पीला कनेर, गुड़हल, गेंदा आदि का पुष्प अर्पित करने चाहिए।

कर्क राशि —
चंद्र ग्रह से संबंधित कर्क राशि के जातक को गुप्त नवरात्रि पर देवी दुर्गा की पूजा करते समय चमेली, रातरानी, सदाबहार पुष्प को विशेष रूप से अर्पित करना चाहिए। इन फूलों के न मिलने की कंडीशन में आप गेंदा और गुड़हल के फूलों का भी उपयोग किया जा सकता है।

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सिंह राशि —
चूंकि सिंह राशि का संबंध सूर्य से है। इसलिए इस राशि के जातकों को शुभ फल की प्राप्ति के लिए गुप्त नवरात्रि पर कमल, गुलाब, कनेर या फिर गुड़हल का फूल मां दुर्गा को अर्पित करना चाहिए।

कन्या राशि —
कन्या राशि का संबंध बुध ग्रह से है। ऐसे में इस राशि के जातकों को गुलाब, गेंदा, हरसिंगार आदि जैसे सुगंधित फूलों का उपयोग करना आपको शुभ फल की प्राप्ति करा सकता है।

तुला राशि —
तुला राशि का स्वामी शुक्र होने से मां दुर्गा की कृपा के लिए इन्हें सफेद कमल, सफेद कनेर, गेंदा, जूही और हरसिंगार के फूल पूजन में उपयोग करना चाहिए। अगर आपकी तुला राशि है तो ऐसे में जातकों को शुक्र ग्रह की शुभता भी प्राप्त होगी।

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वृश्चिक राशि —
ज्योतिष के अनुसार वृश्चिक राशि का स्वामी ग्रह मंगल देव हैं. ऐसे में शक्ति की साधना करते समय वृश्चिक राशि के जातकों को लाल रंग के पुष्प जैसे गुलाब, गुड़हल, लाल गेंदा आदि का विशेष रूप से प्रयोग करना चाहिए. इस उपाय को करने पर देवी के साथ मंगल ग्रह की शुभता भी प्राप्त होगी.

धनु राशि —

ज्योतिष के अनुसार धनु राशि के स्वामी देवगुरु बृहस्पति होने के कारण गुप्त नवरात्रि पर धनु राशि वालों को पूजा में कमल, कनेर, गुड़हल, गुलाब आदि का पुष्प चढ़ना चाहिए।

मकर राशि —

मकर राशि का स्वामी शनिदेव होने के कारण इस राशि के जातकों को विष्णुकांता जिसे अपराजिता भी कहते हैं का उपयोग करना चाहिए। साथ ही कमल का फूल चढ़ाना भी इन्हें शुभता दिलाता है। अगर ये फूल न मिलें तो गेंदा, गुलाब, गुड़हल का फूल चढ़कार पूजा की जा सकती है।

कुंभ राशि —

कुंभ राशि का स्वामी शनिदेव होने के कारण इस राशि के जातकों को जातकों को विष्णुकांता, अपराजिता के फूल चढ़ाना शुभ होता है। इसके अलावा आप चाहें तो कमल, गेंदा, गुलाब, गुड़हल आदि का भी पुष्प अर्पित कर सकते हैं।

मीन राशि —

ज्योतिष में धनु राशि की तरह मीन राशि के भी स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं। अत: मीन राशि वालों को कमल, कनेर, गुड़हल, गुलाब आदि के पुष्प चढ़ाकर मां को प्रसन्न करना चाहिए।

नोट : इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। इन्हें अमल में लाने से पहले जानकारों व विषय विशेषज्ञ की सलाह जरूर ले लें।

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