Guna Lok Sabha Chunav 2024: मोदी मंत्रिमंडल में मंत्री बनाए गए ज्योतिरादित्य सिंधिया की राज्यसभा सीट अब खाली हो गई है। ऐसे में अब उनकी राज्यसभा सीट पर जल्द उपचुनाव होगा। विधानसभा में संख्या के हिसाब से खाली होने वाली राज्यसभा सीट फिर बीजेपी के खाते में जाना तय है।
सूत्रों के मुताबकि, पार्टी एक बार फिर जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवार तय करेगी। फरवरी में हुए राज्यसभा चुनाव में बीजेपी ने दलित, ओबीसी और महिला कार्ड खेला था। इस बार ठाकुर या ब्राह्मण कोटे से यह पद भरे जाने की संभावना ज्यादा है।
केपी यादव को मौका दे सकती है बीजेपी
गुना में गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान एक बयान दिया था। शाह सिंधिया के लिए वोट मांगने पहुंचे थे, मंच पर पूर्व गुना सांसद केपी यादव भी मौजूद थे। अचानक शाह ने के पी यादव का जिक्र करते हुए कहा था कि- बीजेपी उनका ख्याल रखेगी।
दरअसल 2019 के लोकसभा चुनाव में गुना लोकसभा सीट पर केपी यादव ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराकर जीत हासिल की थी। इसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल हुए और साल 2024 में बीजेपी ने के पी यादव का टिकट काटकर गुना से सिंधिया को मैदान में उतारा।
इसके बाद बीजेपी और जनता के बीच भी ये मैसेज गया कि केपी यादव ने पार्टी का आदेश मानते हुए अपनी सीट छोड़ दी। अब केपी यादव को इस त्याग का इनाम मिल सकता है।
दरअसल सिंधिया के गुना लोकसभा सीट से चुनाव जीतने के बाद अब एमपी की एक राज्यसभा सीट खाली हो गई है। ऐसे में अब बीजेपी केपी यादव को राज्यसभा भेज सकती है।
आपको बता दें कि 2020 में बीजेपी छोड़ कांग्रेस में आने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी ने राज्यसभा भेजा था। इसके साथ ही उन्हें केंद्र में मंत्री भी बनाया था।
रेस में इन दिग्गजों के नाम
सिंधिया के लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद ये सीट खाली हो गई। इस एक सीट के लिए बीजेपी के तीन बड़े नेता जिनमें पूर्व मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, जयभान सिंह पवैया और पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव के नाम राजनीतिक गलियारों में चल रहे हैं। साथ ही यहां के लिए प्रबल दावेदार पूर्व सांसद केपी यादव को माना जा रहा है।
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