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Guna Custodial Death Case: पुलिस कस्टडी में हुई युवक की मौत के मामले में नया मोड़, CBI ने राघौगढ़ TI को हिरासत में लिया

Guna Custodial Death Case: गुना में देवा पारदी की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में अब CBI ने राघौगढ़ थाना प्रभारी जुबेर खान को हिरासत में लिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस मामले की जांच चल रही है।

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Vikram Jain
Guna Custodial Death Case: पुलिस कस्टडी में हुई युवक की मौत के मामले में नया मोड़, CBI ने राघौगढ़ TI को हिरासत में लिया

हाइलाइट्स

  • CBI ने राघौगढ़ थाना प्रभारी को हिरासत में लिया।
  • देवा पारदी की मौत के मामले में की पूछताछ।
  • पुलिस कस्टडी में हुई थी देवा पारदी की मौत।
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Guna Deva Pardi Custodial Death CBI Case TI Zuber Khan: गुना जिले में चर्चित देवा पारदी की पुलिस कस्टडी में हुई संदिग्ध मौत के मामले में सीबीआई (Central Bureau of Investigation) ने जांच को तेज करते हुए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सूत्रों के अनुसार, सीबीआई ने राघौगढ़ थाने के थाना प्रभारी जुबेर खान को हिरासत में लिया है। यह मामला 15 जुलाई 2024 की उस घटना से जुड़ा है, जब देवा पारदी को म्याना पुलिस पूछताछ के नाम पर थाने ले गई थी। अगले ही दिन उसकी लाश पोस्टमार्टम हाउस में पाई गई थी, जिससे आक्रोश फैल गया था।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चल रही इस जांच में अब तक कई पुलिस अधिकारियों की भूमिका संदेह के घेरे में आ चुकी है। जुबेर खान की हिरासत से मामले ने नया मोड़ ले लिया है। मंगलवार सुबह से ही सीबीआई टीम गुना में सक्रिय रही। देर रात राघौगढ़ टीआई को हिरासत में लेकर टीम इंदौर रवाना हो गई। हालांकि, जुबेर खान पर किन आरोपों के तहत कार्रवाई की गई है, इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हो सकी है।

क्या है देवा पारदी की कस्टडी में मौत का मामला?

दरअसल, गुना जिले के बीलाखेड़ी गांव के देवा पारदी (उम्र 25 साल) की 15 जुलाई 2024 को शादी की बारात निकलने वाली थी। लेकिन इसी दिन उसकी जिंदगी ने एक दुखद मोड़ ले लिया। बारात निकलने से पहले ही म्याना थाना पुलिस ने देवा और उसके चाचा गंगाराम को थाने में पूछताछ के लिए बुला लिया। पुलिस का दावा था कि उन्हें एक चोरी के मामले में कुछ सवाल करने हैं।

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परिवार को उम्मीद थी कि देवा कुछ घंटों में लौट आएगा और शादी के जश्न में शामिल होगा। लेकिन शाम होते-होते उनके पास जो खबर आई, उसने सबको झकझोर दिया। अगली शाम परिजनों को सूचना मिली कि देवा की मौत हो गई है और उसका शव जिला अस्पताल के पोस्टमार्टम कक्ष में पड़ा है। जब परिजन वहां पहुंचे, तो उन्हें बताया गया कि देवा की मौत हो चुकी है, और शव पोस्टमार्टम के लिए रखा गया है।

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पुलिस हिरासत से मौत, लोगों में भड़का गुस्सा

जैसे ही यह खबर फैली, पूरे गांव और विशेषकर पारदी समुदाय में आक्रोश फैल गया। लोगों को यकीन था कि देवा की मौत सामान्य नहीं थी, बल्कि पुलिस हिरासत में हुई प्रताड़ना का नतीजा थी। आक्रोशित लोगों ने जिला अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शन इतना उग्र था कि देवा की चाची और उसकी होने वाली दुल्हन ने आत्मदाह की कोशिश की। इस घटना ने प्रदेशभर में सनसनी मचा दी।

प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि म्याना थाने में देवा और उसके चाचा को बेरहमी से पीटा गया था। चाचा गंगाराम की गवाही भी इसी ओर इशारा करती है। देवा की मौत को उन्होंने पुलिस की बर्बरता और गैरकानूनी व्यवहार का नतीजा बताया।

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सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर CBI की सख्त कार्रवाई

देवा पारदी की संदिग्ध मौत के मामले ने जब बवाल मचा तब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में खुद हस्तक्षेप किया। मई 2025 में कोर्ट ने आदेश दिया था कि CBI इस मामले की निष्पक्ष जांच करे और एक महीने के भीतर आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए। कोर्ट के आदेश के बाद CBI ने सबसे पहले म्याना थाने में पदस्थ रहे सब-इंस्पेक्टर (SI) देवराज सिंह परिहार को गिरफ्तार किया। और अब ताजा घटनाक्रम में राघौगढ़ थाने के टीआई जुबेर खान को हिरासत में लिया गया है।

CBI की अब तक की जांच रिपोर्ट में म्याना थाना प्रभारी रहे संजीत मावई, SI देवराज सिंह परिहार और अन्य पुलिसकर्मियों पर कस्टोडी में हत्या (कस्टोडियल डेथ) और मानवाधिकार उल्लंघन जैसे गंभीर आरोप सामने आए हैं। यह कार्रवाई दर्शाती है कि सुप्रीम कोर्ट इस संवेदनशील मामले को लेकर गंभीर है और किसी भी तरह की लापरवाही या पक्षपात को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है।

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सीबीआई की हिरासत में टीआई जुबेर खान

13 अगस्त को गुना पहुंची सीबीआई टीम ने राघौगढ़ थाना प्रभारी जुबेर खान से पूछताछ के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया। मेडिकल जांच के बाद उन्हें इंदौर ले जाया गया। हालांकि, अब तक जुबेर खान का नाम न तो एफआईआर में था और न ही पीड़ित परिवार ने उन्हें आरोपी बताया था। अभी यह साफ नहीं है कि उन्हें किन आधारों पर हिरासत में लिया गया है।

90 दिनों में चार्जशीट, निष्पक्ष जांच पर जोर

सुप्रीम कोर्ट ने देवा पारदी कस्टोडियल डेथ केस की सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि मामले की निष्पक्ष जांच बेहद जरूरी है, क्योंकि स्थानीय पुलिस द्वारा आरोपियों को संरक्षण देने की कोशिश की गई थी। कोर्ट ने देवा के चाचा गंगाराम की सुरक्षा को देखते हुए उन्हें न्यायिक हिरासत में रखने का निर्देश दिया, ताकि वे किसी संभावित खतरे से सुरक्षित रहें। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया कि वह 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल करे और दोषी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करे।

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