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हाइलाइट्स
- गुना के आत्माराम पारदी हत्याकांड में बड़ी कार्रवाई।
- आरोपी इंस्पेक्टर रामवीर सिंह कुशवाहा की गिरफ्तारी।
- बर्खास्त SI कुशवाह पर गवाहों को धमकाने के आरोप।
Guna Atmaram Pardi Murder Case SI Ramveer Singh Kushwaha Arrest: गुना शहर के सबसे चर्चित आत्माराम पारदी मर्डर केस में रविवार को एक नया मोड़ आया है। गवाहों को धमकाने के आरोप में फरार चल रहे बर्खास्त एसआई रामवीर सिंह कुशवाह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। कुशवाह हत्याकांड का मुख्य आरोपी है। आरोपी को कुछ दिन पहले ही हाईकोर्ट से मुख्य हत्याकांड में अग्रिम जमानत मिली थी। लेकिन दूसरे केस में राहत नहीं मिली। सोमवार को गवाहों को धमकाने के दूसरे मामले में अग्रिम जमानत याचिका को लेकर अदालत में सुनवाई होनी है। लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने आरोपी कुशवाह को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की नौकरी से निकाल कुशवाह पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। साथ ही न्यायिक प्रक्रिया में बाधा डालने का आरोप भी है।
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जानें पूरा मामला
दरअसल यह हाईप्रोफाइल मामला साल 9 जून 2015 का है। जब खेजरा चक्क गांव का निवासी आत्माराम पारदी पार्वती नदी पर अस्थियां विसर्जित करने गया था। इस दौरान परिवार के लोग भी साथ थे। कार्यक्रम के दौरान तत्कालीन धरनावदा थाना प्रभारी रामवीर सिंह कुशवाह दो अन्य पुलिसकर्मियों के साथ पार्वती नदी पर पहुंचा।
एसआई कुशवाह आत्माराम को गुरुग्राम में हुई एक चोरी के मामले में संदेही मान रहा था। जैसे ही आत्माराम ने पुलिस को देखा, वह घबरा कर नदी में कूद गया। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उसे गोली मारी, फिर नदी से निकालकर एक वाहन में डाल लिया और उसे वहां से ले गई। इसके बाद आत्माराम कभी वापस नहीं लौट नहीं आया।
पुलिस ने मानी आत्माराम की हत्या
आत्माराम पारदी की गुमशुदगी के बाद उसका परिवार सालों तक न्याय की गुहार लगाता रहा, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिरकार 2019 में मामला हाईकोर्ट पहुंचा, जहां परिवार की याचिका पर कोर्ट ने जांच की जिम्मेदारी CID को सौंपी।
लंबी जांच और साक्ष्यों की पड़ताल के बाद, 2023 में पुलिस ने पहली बार यह स्वीकार किया कि आत्माराम की मौत हो चुकी है और मामला केवल गुमशुदगी नहीं, बल्कि हत्या का है।
इस अहम खुलासे के बाद, आरोपी तत्कालीन थाना प्रभारी SI रामवीर सिंह कुशवाह पर हत्या (धारा 302), सबूत मिटाने (धारा 201) और आपराधिक षड्यंत्र (धारा 120बी) जैसी गंभीर धाराएं जोड़ी गईं। साथ ही, उसे सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। हत्याकांड में नाम उजागर होने के बाद से आरोपी इंस्पेक्टर कुशवाह फरार चल रहा था।
मुख्य केस में हाईकोर्ट से मिली राहत
हत्याकांड के आरोपी इंस्पेक्टर रामवीर सिंह कुशवाहा ने मामले में मुख्य केस को लेकर हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। 26 सितंबर को कोर्ट ने उसे जमानत दे दी, जिसमें अदालत ने 8 साल की लंबी जांच, चार्जशीट दाखिल न होने, शव की बरामदगी न होने और निर्णायक साक्ष्यों के अभाव को आधार मानते हुए जांच एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए।
दूसरे केस में चढ़ा पुलिस के हत्थे
हालांकि, मुख्य केस में राहत मिलने के बावजूद, रामवीर कुशवाह की मुश्किलें खत्म नहीं हुई थीं। वह आत्माराम केस के गवाहों को धमकाने के मामले में भी आरोपी था, जिसकी एफआईआर 2019 में कोतवाली थाने में दर्ज हुई थी। इस केस में वह फरार चल रहा था और सोमवार को उसकी अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी।
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गुना में खुलेआम घूम रहा था आरोपी कुशवाह
पुलिस को सूत्रों से जानकारी मिली थी कि नौकरी से बर्खास्त आरोपी सब इंस्पेक्टर रामवीर सिंह कुशवाह पिछले कुछ दिनों से गुना में सक्रिय है और अपने समर्थकों से मुलाकात कर रहा है। हैरानी की बात यह रही कि इन मुलाकातों के वीडियो वह सोशल मीडिया पर भी पोस्ट कर रहा था, जिससे उसकी लोकेशन और गतिविधियां सामने आ गईं।
इसी सूचना के आधार पर एसपी अंकित सोनी ने एक विशेष टीम का गठन किया, जिसने रविवार शाम रामवीर को दबोच लिया। गिरफ्तारी के साथ ही यह मामला फिर सुर्खियों में आ गया है, और अब पुलिस की अगली कार्रवाई पर सभी की निगाहें टिकी हैं।
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