Gulmohar Movie: 70वें नेशनल अवॉर्डस की घोषणा कर दी गई है। इस दौरान मनोज बाजपेयी और शर्मिला टैगोर की फिल्म ‘गुलमोहर’ को बेस्ट हिंदी फिल्म से नवाजा गया है।
बेस्ट हिंदी फिल्म का नेशनल फिल्म अवॉर्ड जीतने के बाद अब ये फिल्म सुर्खियों में आ गई हैं।
अगर आप भी इस फिल्म को देखने के बारे में सोच रहे हैं, तो हम आपको इसके बारे में पूरी जानकारी दे देते हैं। मनोज बाजपेयी की फिल्म गुलमोहर साल 2023 में रिलीज हुई थी।
इस फिल्म को बेस्ट हिंदी फिल्म अवॉर्ड के अलावा स्पेशल मेंशन और बेस्ट स्क्रीनप्ले का अवॉर्ड भी दिया गया है।
कैसी है फिल्म की कहानी?
मनोज बाजपेयी की फिल्म गुलमोहर एक फैमिली ड्रामा है। मनोज बाजपेयी ने इस फिल्म में एक बेटे का किरदार निभाया है, जिसमें वे अपने परिवार को टूटने से रोकने की पूरी कोशिश करते हैं।
2 घंटे 11 मिनट लम्बी फिल्म को हर उम्र के लोग देख सकते हैं। गुलमोहर में शर्मिला टैगोर भी हैं, जिसमें वे मनोज की मां बनी हैं। शर्मिला टैगोर ने कुसुम बत्रा का किरदार निभाया है। वहीं, उन्होंने मनोज बाजपेयी (अरुण बत्रा) को गोद लिया था।
इस फिल्म में दिल्ली के पॉश इलाके में स्थित बत्रा परिवार दशकों से गुलमोहर नाम के घर में रहता है। होली के त्योहार से पहले अपने घर में यह परिवार अपने आखिरी दिन बिता रहा होता है।
ये एक रईस फैमिल है, जो ऊपर से भले ही चमक दमक भरी लगती है, लेकिन अंदर से काफी बिखरी हुई है। हाई सोसायटी के ज्यादातर परिवारों की तरह यहां के लोग भी बंगला बेचकर अलग-अलग फ्लैट्स में शिफ्ट होने का फैसला लेते हैं।
Gulmohar wins the National Award for the Best Hindi Film.
With a special mention for its lead actor @BajpayeeManoj ❤️ pic.twitter.com/8Ymb16bYKi
— The Cinéprism (@TheCineprism) August 16, 2024
घर की सबसे सीनियर मेंबर कुसुम बत्रा (शर्मिला टैगोर) दिल्ली छोड़कर पुडुचेरी शिफ्ट होने का फैसला लेती हैं। वहीं, उनका बेटा अरुण (मनोज बाजपेयी) अपनी वाइफ इंदु (सिमरन) के साथ गुरुग्राम के फ्लैट में जाने के बारे में सोचता है।
अरुण का बेटा आदित्य (सूरज शर्मा) अपनी वाइफ दिव्या (कावेरी सेठ) के साथ अपने पैरंट्स से अलग रहने का फैसला करता है।
इस मूवी में अरुण की बेटी अमृता (उत्सवी झा), अरुण के चाचाजी सुधाकर बत्रा (अमोल पालेकर), उनका बेटा कमल (अनुराग अरोड़ा), बहू नीना (देविका शहानी) और पोता किशोर (श्रीहर्ष शर्मा) भी हैं।
‘दो मंजिला मकान में सबने अपने अलग-अलग घर बना लिए’
आजकल घरों में लड़ाई-झगड़े आम बात हो गई है। लोग रहते तो एक मकान में हैं, लेकिन उसमें भी उनके अलग-अलग घर बन जाते हैं। फिल्म में इसी को लेकर मनोज बाजपेयी का एक डायलॉग रहता है। इसमें वे बोलते हुए नजर आते हैं कि- दो मंजिल का घर तो बन गया, कमरे भी बड़े हैं, पर इस एक घर में न जानें कब हम सबने अपने-अपने कमरों में खुद के घर बना लिए।’
‘रिश्ते खून से नहीं, दिल से बनते हैं’
इस फिल्म का एक और डायलॉग बहुत पसंद किया गया। जिसमें शर्मिला टैगोर कहती हैं- ये हमारा घर था, जो हमने ईंट-पत्थरों से नहीं, रिश्तों से बनाया था। रिश्ते, जो खून से नहीं, दिल से बने थे।’
यहां देख सकते हैं गुलमोहर?
फिल्म गुलमोहर को आप डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर देख सकते हैं। ये फिल्म इसी प्लेटफॉर्म पर सीधे रिलीज हुई थी।
क्या रही फैंस की प्रतिक्रिया?
गुलमोहर को बेस्ट हिंदी फिल्म अवॉर्ड मिलने पर फैंस को बहुत खुशी है। इसे लेकर सोशल मीडिया पर लोग प्रतिक्रिया दे रहे हैं। एक फैन ने लिखा- ‘ये अब तक सबसे बेहतरीन हिंदी फिल्मों में से एक है। परिवार के सदस्यों के बीच संबंधों की गतिशीलता को खूबसूरती से प्रस्तुत किया गया है और पूरे कलाकारों का अभिनय बहुत स्वाभाविक लगता है जैसे कि आप उनके परिवार का हिस्सा हैं।’
वहीं, दूसरे यूजर ने लिखा कि गुलमोहर मूवी बहुत पंसद आई। वहीं, मनोज बाजपेयी ने बहुत अच्छा किरदार निभाया।
70वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स में किसे-कौन सा अवॉर्ड मिला?
बेस्ट एक्टर- ऋषभ शेट्टी (कांतारा)
बेस्ट एक्ट्रेस- नित्या मेनन (तिरुचित्राम्बलम), मानसी पारेख (कच्छ एक्सप्रेस)
बेस्ट फिल्म- कांतारा
बेस्ट हिंदी फिल्म- गुलमोहर
बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस- नीना गुप्ता (ऊंचाई)
बेस्ट फीचर फिल्म- अट्टम
बेस्ट डायरेक्टर- सूरज बड़जात्या (ऊंचाई)
बेस्ट सिनेमेटोग्राफी- मोनो नो अवेयर
बेस्ट म्यूजिक अवॉर्ड- विशाल शेखर
बेस्ट स्टंट कोरियोग्राफी- KGF 2
बेस्ट तमिल फिल्म- पोंनियन सेल्वन 2
बेस्ट मराठी फिल्म- वाल्वी
बेस्ट स्क्रीनप्ले- आनंद एकार्शी
बेस्ट तेलुगु फिल्म- कार्तिकय 2
बेस्ट कन्नड़ फिल्म- KGF 2
बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर- प्रीतम (ब्रह्मास्त्र)
बेस्ट लिरिक्स- नौशाद सदर खान (फौजा)
बेस्ट स्क्रिप्ट- मोनो नो अवेयर
बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर- अरिजीत सिंह (ब्रह्मास्त्र)
बेस्ट साउंड डिजाइन- पोंनियन सेल्वन 2
बेस्ट स्पेशल इफेक्ट- ब्रह्मास्त्र