Gujarat Muslim Teacher Story: गुजरात के अहमदाबाद में रहने वाले 95 साल के सैयद हुसैन अली अब्बास अली बुखारी जो एक रिटायर्ड मुस्लिम शिक्षक थे। इन्होंने अपनी पुश्तैनी संपत्ति एक हिंदू लड़की के नाम कर समाज में मिसाल पेश की है।
सैयद हुसैन अली, अंजुम इस्लाम हाई स्कूल में शिक्षक के पद पर कार्यरत थे और अपनी शिक्षकीय सेवा के लिए जाने जाते थे। उनकी जिंदगी में एक खास रिश्ता ऐसा था जिसने धर्म और जाति की सीमाओं को पार कर मानवता और स्नेह का एक नया अध्याय लिखा।
झाला परिवार मिला सहयोग
सैयद हुसैन अली के माता-पिता का बचपन में ही निधन हो गया था। इस कठिन समय में पड़ोस में रहने वाला झाला परिवार उनका सहारा बना। झाला परिवार के बुजुर्गों ने उनकी देखभाल की और उन्हें अपने परिवार का हिस्सा मानकर साथ रखा। इस रिश्ते की गहराई समय के साथ बढ़ती गई।
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अस्मिता प्रतापसिंह ने देखभाल
झाला परिवार की बेटी अस्मिता प्रतापसिंह झाला बचपन से ही सैयद हुसैन अली के घर में रह रही थीं। अस्मिता के लिए सैयद हुसैन एक पिता समान थे। 1990 में जब सैयद हुसैन अली रिटायर्ड हुए तब से अस्मिता ने उनकी देखभाल की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली। वह एक बेटी की तरह उनके हर सुख-दुख में साथ रहीं और उनकी देख-रेख करती रहीं।
पुश्तैनी मकान अस्मिता के नाम
अस्मिता की देखभाल और उनके प्रति अपार स्नेह को देखते हुए सैयद हुसैन अली ने एक अनोखा निर्णय लिया। कुछ दिन पहले उन्होंने अपने 50 लाख रुपए मूल्य के पुश्तैनी मकान की रजिस्ट्री अस्मिता प्रतापसिंह झाला के नाम कर दी। यह मकान उनके लिए सिर्फ एक संपत्ति नहीं, बल्कि माता-पिता की दी हुई अमूल्य विरासत था।
95 साल की उम्र में गई जान
गुजरात में अहमदाबाद में रहने वाले 95 साल के एक रिटायर्ड मुस्लिम शिक्षक ने विरासत में मिला अपना घर हिंदू लड़की के नाम कर दिया है। सैयद हुसैन अली अब्बास अली बुखारी की मृत्यु 95 साल की उम्र में हो गई है।
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