Asaram Bapu HC Plea: गुजरात हाई कोर्ट से आसाराम बापू को बड़ा झटका मिला है। आसाराम की सजा निलंबन के लिए दाखिल की गई याचिका को गुजरात हाई कोर्ट ने गुरुवार को खारिज कर दिया है। उन्हें पिछले साल 2013 के दुष्कर्म मामले में सत्र- न्यायालय ने दोषी ठहराया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। सत्र न्यायालय के फैसले के बाद आसाराम बापू ने गुजरात हाई कोर्ट में उम्र कैद की सजा को निलंबित करने वाली याचिका को दाखिल किया था, लेकिन अब वह भी खारिज की जा चुकी है।
निचली अदालत के समक्ष दिए गए सबूतों को सरसरी तौर पर देखने के बाद जस्टिस इलेश जे वोरा और जस्टिस विमल के व्यास की खंडपीठ ने अपने पचास पन्नों के आदेश में कहा कि हमें इस स्तर पर दोषसिद्धि के आदेश में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं दिखी है और यह नहीं कहा जा सकता है कि आदेश प्रथम दृष्टया त्रुटिपूर्ण है और इसमें कुछ स्पष्ट गड़बड़ी है।
बता दें कि, साल 2013 दुष्कर्म मामले में सत्र-न्यायालय ने आसाराम बापू को दोषी पाया था और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसी को लेकर आसाराम ने गुजरात हाई कोर्ट में याचिका को दायर किया था।
हाई कोर्ट ने यह कहा
गुजरात हाई कोर्ट ने कहा कि वह याचिकाकर्ता के वकील की दलीलों से पूर्ण रूप से सहमत नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि आखिरी सुनवाई के समय सबूतों का पूरी तरह से मूल्यांकन करना होगा।
राजस्थान हाई कोर्ट से मिली थी आसाराम को राहत
बता दें कि आसाराम बापू को आयुर्वेदिक इलाज करवाने के लिए राजस्थान हाई कोर्ट ने 7 दिन की मेडिकल पैरोल पर रिहा किया था ताकि वह पुणे के एक आयुर्वेदिक अस्पताल में जाकर उपचार करवा सकें। हालांकि, उच्च न्यायालय ने आसाराम को सात दिनों के लिए पुलिस हिरासत में महाराष्ट्र के एक आयुर्वेदिक अस्पताल में इलाज कराने की अनुमति प्रदान की थी। साथ ही कोर्ट ने यह शर्तें भी लगाई थीं कि उनके साथ हर समय चार पुलिसकर्मी मौजूद रहेंगे और उन्हें दो परिचालक रखने की अनुमति दी गई थी।
इसके साथ ही इलाज और परिवहन मे लागत सहित पुलिस सहायता का खर्च भी पूरा आसाराम को ही उठाना पड़ेगा। इससे पहले, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने स्वास्थ्य के आधार पर उनकी सजा पर रोक लगाने वाली याचिका को खारिज कर दिया था।
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