हाइलाइट्स
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कृषि उपकरणों पर GST घटने से किसानों को बड़ी राहत
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ट्रैक्टर पर अब 65 हजार रुपये तक की बचत होगी
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दूध, दही और घी पर GST हुई कम, पशुपालकों को फायदा
केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा किए गए जीएसटी (GST) सुधार किसानों के लिए ऐतिहासिक राहत साबित होंगे। भोपाल में शनिवार (06 सितंबर) को मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि कृषि उपकरणों में जीएसटी घटाकर पांच प्रतिशत की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से ही ऐलान किया था कि आम जनता और किसानों को जीवन की कठिनाइयों से मुक्त करने के लिए जीएसटी सुधार लागू किए जाएंगे। अब इन सुधारों के असर से खेती-किसानी की लागत घटेगी और उत्पादन बढ़ेगा।
किसानों के लिए लागत कम, मुनाफा ज्यादा
कृषि मंत्री ने बताया कि जीएसटी दरों में कमी आने से कृषि उपकरण सस्ते हो गए हैं। ट्रैक्टर पर किसानों को अब लगभग 65 हजार रुपए तक की बचत होगी। इसी तरह धानरोपण यंत्र पर 15,400 रुपए, थ्रेसर पर 14,000 रुपए और घास काटने की मशीन पर 5,400 रुपए तक का फायदा होगा। तमाम कृषि उपकरणों की दरें कम होने से छोटे किसान भी इन्हें कम पैसों पर किराए पर लेकर उपयोग कर सकेंगे।
सामान | पहले GST | अब GST |
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ट्रैक्टर के टायर, पार्ट्स | 18% | 5% |
ट्रैक्टर, जुताई/बुवाई/कटाई की मशीनें | 12% | 0% |
बायो-पेस्टिसाइड, माइक्रो न्यूट्रिएंट्स, ड्रिप सिंचाई सिस्टम | 12% | 5% |
लकड़ी, मार्बल, ग्रेनाइट | 12% | 5% |
कंस्ट्रक्शन के सामान | 12% | 5% |
इंटीग्रेटेड फार्मिंग पर जोर
शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से कहा कि वे केवल खेती तक सीमित न रहें बल्कि इंटीग्रेटेड फार्मिंग अपनाएं। इसमें मछली पालन, पशुपालन, मधुमक्खी पालन, भेड़-बकरी पालन और पोल्ट्री फार्मिंग जैसे काम शामिल हैं। उनका कहना है कि खेती के साथ इन गतिविधियों को जोड़ने से किसान की आमदनी दोगुनी हो सकती है।
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लखपति दीदी योजना को मिलेगा बल
कृषि मंत्री ने कहा कि जीएसटी कम होने से महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप्स को सीधा फायदा होगा। लखपति दीदियों (Lakhpati Didis) का मुनाफा बढ़ेगा और वे अपने बिजनेस को और आगे बढ़ा सकेंगी। इससे ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
डेयरी और खाद्य उत्पादों पर राहत
किसानों के लिए राहत की बड़ी घोषणा करते हुए उन्होंने बताया कि दूध, दही, पनीर और घी पर जीएसटी कम कर दिया गया है और कई डेयरी पदार्थों जैसे दूध और पनीर पर जीएसटी जीरो भी कर दिया गया है। इससे पशुपालन करने वाले किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। उर्वरक के कच्चे माल पर भी जीएसटी घटाई गई है, जिससे खाद की कीमतें कम होंगी और उत्पादन लागत घटेगी। फल और सब्जियों की प्रोसेसिंग और कोल्ड स्टोरेज सेवाओं पर भी दरें घटाने से किसानों को अधिक मुनाफा मिलेगा।
सामान | पहले GST | अब GST |
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पैकेज्ड UHT दूध, पनीर, रोटी, पराठा | 5% | 0% |
घी, मक्खन | 12% | 5% |
नूडल्स, पास्ता, नमकीन, सॉस, भुजिया, मिक्चर, चॉकलेट | 12% | 5% |
चीनी, सिरप, टॉफी, कैंडी | 12% | 5% |
बिना फ्लेवर का पैकेज्ड मिनरल वॉटर | 18% | 5% |
सौर ऊर्जा और ग्रामीण विकास को बढ़ावा
कृषि मंत्री ने कहा कि सौर ऊर्जा (Solar Energy) उपकरणों पर जीएसटी घटने से किसानों को खेती में आधुनिक तकनीक जोड़ने का अवसर मिलेगा। इससे बिजली खर्च कम होगा और उत्पादन क्षमता बढ़ेगी। वहीं सीमेंट और लोहे पर घटाई गई दरों से ग्रामीण भारत में घर बनाने की लागत कम होगी और प्रधानमंत्री आवास योजना को गति मिलेगी।
खाद की नहीं है कोई कमी
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जहां फसलों को नुकसान हुआ है, वहां जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे निरीक्षण कराकर प्रभावित किसानों को मुआवजा प्रदान करें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि देश में उर्वरकों (फर्टिलाइजर) की कोई कमी नहीं है, बल्कि समस्या केवल वितरण व्यवस्था में है और कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मध्य प्रदेश में किसानों की संख्या में कमी के सवाल पर उन्होंने कहा कि खेती के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी प्रगति करनी होगी, हालांकि किसानों की संख्या पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है।
पीएम मोदी के प्रयासों को दिया श्रेय
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पीएम मोदी की सोच है कि कोई भी आम आदमी और किसान कठिनाई में न रहे। जीएसटी सुधार इसी विजन का हिस्सा हैं। इन सुधारों से किसानों को आर्थिक ताकत मिलेगी और भारत की अर्थव्यवस्था और अधिक मजबूत बनेगी।
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