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GST Price Cut:
हाइलाइट्स
पुरानी एमआरपी पर हो रही बिक्री
वित्त मंत्री की सख्त चेतावनी
1915 पर करें तुरंत शिकायत
GST Price Cut: देशभर में 22 सितंबर से लागू हुए GST 2.0 के तहत साबुन, शैंपू, डिटर्जेंट, बल्ब, स्टेशनरी से लेकर दवाइयों और सीमेंट तक की कीमतों में जीएसटी दरें घटा दी गईं हैं। केंद्र सरकार का दावा है कि इससे आम जनता को महंगाई से बड़ी राहत मिलेगी। लेकिन ज़मीनी हकीकत इसके ठीक उलट दिख रही है।
राजधानी रायपुर सहित छत्तीसगढ़ के कई शहरों में दुकानदार अब भी ग्राहकों को पुरानी एमआरपी (Old MRP) के आधार पर सामान बेच रहे हैं, जबकि नई दरें लागू हो चुकी हैं। इस पर प्रदेश के वित्त मंत्री ओपी चौधरी (Finance Minister OP Choudhary) ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि "नई दरें लागू हो चुकी हैं, ग्राहक पुराने रेट पर सामान लेने से इनकार कर सकते हैं और शिकायत कर सकते हैं।"
ग्राहकों को नई दरों पर सामान लेना है हक- चौधरी
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OP Chaudhary[/caption]
राज्य के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने साफ कहा है कि दुकानदार अगर पुराने स्टॉक का हवाला देकर उपभोक्ताओं से जीएसटी कटौती का लाभ नहीं दे रहे हैं, तो यह उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन (Consumer Rights Violation) है।
उन्होंने कहा, “यदि कोई दुकानदार घटे हुए GST Rates के बावजूद पुरानी एमआरपी पर ही सामान बेच रहा है, तो ग्राहक उसे नई दरों के अनुसार सामान देने के लिए कह सकते हैं। यदि दुकानदार न माने, तो ग्राहक टोल फ्री नंबर 1915 या WhatsApp नंबर 8800001915 पर इसकी शिकायत कर सकते हैं।”
चौधरी ने बताया कि यह शिकायत केंद्र सरकार के पोर्टल पर सेंट्रलाइज्ड रूप से दर्ज होगी और संबंधित राज्य को भेज दी जाएगी। ग्राहक को एसएमएस के जरिए कंप्लेंट नंबर मिल जाएगा जिससे वह अपनी शिकायत को ट्रैक भी कर सकेगा।
रायपुर में दुकानदारों की मनमानी, ग्राहक हो रहे हैं परेशान
हालांकि मीडिया के सामने आया कि रायपुर के पंडरी, देवेंद्र नगर, सिविल लाइन्स जैसे कई बाजारों में दुकानदार नई दरें लागू नहीं कर रहे हैं। इसमें कई दुकानदारों ने माना कि सरकार की गाइडलाइन के 80 पन्ने पढ़ने में दो महीने लग जाएंगे। इसलिए GST रेट की जानकारी अभी नहीं है।
पुराना स्टॉक, नया रेट कैसे लगाएं?
व्यापारियों का कहना है कि वे पुराने स्टॉक (Old Inventory Pricing) पर नए रेट से सामान बेचने में नुकसान उठाएंगे। कुछ ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि "हमने यह माल पुरानी दर पर खरीदा है। अब उसे नई दर पर बेचेंगे तो नुकसान होगा। नया स्टॉक आएगा तब नई एमआरपी लागू होगी।”
लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार ने निर्देश दिए हैं कि पुराने स्टॉक पर भी री-स्टिकरिंग (Re-sticker MRP after GST Cut) की व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि ग्राहक को लाभ मिल सके। यह दर्शाता है कि छोटे और मध्यम दुकानदार या तो जानबूझकर नई दरें लागू नहीं कर रहे हैं (Deliberate Delay in GST Rate Update) या उन्हें अभी पूरी जानकारी नहीं है।
बिल नहीं दे रहे दुकानदार?
वित्त मंत्री चौधरी ने कहा कि कई दुकानदार बिल (Invoice) देने से भी इनकार कर रहे हैं, जो सीधे तौर पर टैक्स चोरी है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में ग्राहक INGRAM पोर्टल, UMANG ऐप, टोल फ्री नंबर या वॉट्सएप पर शिकायत कर सकते हैं। इसके अलावा GST विभाग की टीमें राज्यभर में फील्ड विजिट कर रही हैं और दुकानों की नियमित जांच की जा रही है।
800 से ज्यादा FMCG उत्पाद सस्ते हुए, लेकिन जनता तक लाभ नहीं
जीएसटी 2.0 में साबुन, शैंपू, डिटर्जेंट, बल्ब, खाने-पीने की वस्तुएं, सौंदर्य प्रसाधन, स्टेशनरी आदि पर GST दर 18% से घटाकर 5% या 12% कर दी गई है। इसके अलावा कुछ लाइफ-सेविंग दवाएं पूरी तरह से टैक्स फ्री (GST Free Medicines) हो गई हैं। लेकिन यदि खुदरा दुकानदार इन दरों को जमीन पर लागू नहीं करते, तो यह पूरी योजना निष्प्रभावी हो जाएगी। इसी को लेकर केंद्र और राज्य सरकारें गंभीर हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार लगातार चैंबर ऑफ कॉमर्स, व्यापारी संगठनों और रिटेल चेन के साथ मिलकर कार्यशालाएं कर रही है ताकि नई दरों को सही तरीके से लागू किया जा सके। इसके साथ ही GST अधिकारी दुकानों का निरीक्षण, कीमतों की तुलना और बिलिंग व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं। व्यापारी यदि बार-बार चेतावनी के बाद भी नियम नहीं मानते, तो कड़ी कार्रवाई (Strict Legal Action) की जाएगी।
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