बालोद। एक परिवार की खुशियां कुछ ही घंटों में मातम में तब बदल गई जब शादी के बाद दूल्हा दुल्हन वापस घर नहीं पहुंचे थे और बीच रास्ते में ही दूल्हे की मौत हो गई। बालोद जिले का एक परिवार कुछ दिनों पहले तक शादी के जश्न में डूबे हुआ था लेकिन उन्हें नहीं पता था कि शादी के दिन उनके घर का चिराग हमेशा के लिए उन्हें अलविदा कह देगा। दरअसल यह पूरा मामला बालोद जिले के लाटाबोड़ का है, यहां रहने वाले छगन के घर में उसकी और उसकी बहन की शादी का जश्न था पहले दिन दोनों की हल्दी रस्म पूरी हुई, वहीं अगले दिन छगन अपनी बारात लेकर दुल्हन के गांव कुर्रा पहुंचा। जहां सात फेरों के बाद दूल्हे ने दुल्हन की मांग में सिंदूर लगाया और मंगलसूत्र भी पहनाया फिर जैसे ही दुल्हन को लेकर बारात वापस दूल्हे के घर आ रही थी। इसी बीच दूल्हे को अचानक सीने में दर्द हुआ, आनन-फानन में उसे अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने दूल्हे को मृत घोषित कर दिया।
मातम में बदला खुशी का माहौल
जब दूल्हे के पिरजनों को उसके मौत की खबर मिली तो शादी का माहौल मातम में बदल गया सभी के चेहरे की खुशियां गुम हो गई। इधर बहन निलेश्वरी के लिए उसी दिन बारात आने वाली थी लेकिन भाई के मौत के बाद बहन ने उस दिन शादी करने से मना कर दिया। वहीं दुल्हन जिसने सात जन्म तक साथ निभाने की कसमें खाई थी चंद मिनटों में ही उसकी मांग का सिंदूर उजड़ गया। हालांकि दुल्हे के उसके अच्छे भविष्य के दुल्हन के परिजनों को बुलाकर उसे वापस लौटा दिया।