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हाइलाइट्स
नाती-नातिन ने बुजुर्ग से की 9.44 लाख की ठगी
पीएफ फंड निकालने का दिया झांसा
बिजुरी पुलिस ने आरोपी दंपति को पकड़ा
Anuppur Grandfather Fraud: मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले से रिश्तों को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक 60 वर्षीय बुजुर्ग कालरी (Colliery) कर्मचारी को उनके ही नाती और नातिन ने भरोसे में लेकर करीब 10 लाख रुपए की ठगी कर ली। पीएफ (Provident Fund) फंड निकलवाने का झांसा देकर बुजुर्ग से 9.44 लाख रुपए हड़प लिए गए। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि तीसरा आरोपी अब भी फरार है
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पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया।[/caption]
पीएफ फंड के नाम पर हुआ था धोखा
थाना बिजुरी क्षेत्र के ग्राम मोहरी निवासी 60 वर्षीय राजकुमार महरा ने 1 अक्टूबर 2025 को बिजुरी थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि उनके नाती योगेश चन्द्रा और उसकी पत्नी हेमा चन्द्रा ने मनोज गुप्ता नाम के व्यक्ति के साथ मिलकर धोखाधड़ी की। आरोपियों ने उन्हें यह विश्वास दिलाया कि वे उनके पीएफ फंड की राशि निकलवाने में मदद करेंगे, लेकिन इसके बदले धीरे-धीरे उनसे करीब 9.44 लाख रुपए वसूल लिए और बाद में पैसे लौटाने से मना कर दिया।
राजकुमार महरा पूर्व में कालरी (Colliery) में कार्यरत थे। पुलिस के अनुसार, उन्होंने तकनीकी जानकारी और उम्र के कारण अपने रिश्तेदारों पर भरोसा किया, लेकिन उन्हीं ने उनके साथ विश्वासघात किया।
पुलिस ने आरोपियों को किया गिरफ्तार
शिकायत की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक मोती उर रहमान के निर्देश पर थाना प्रभारी निरीक्षक विकास सिंह के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। जांच में साइबर सेल की तकनीकी सहायता भी ली गई। पुलिस ने खातों की लेनदेन की जांच, मोबाइल कॉल रिकॉर्ड और डिजिटल ट्रेल खंगालने के बाद आरोपी दंपति तक पहुंच बनाई।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान योगेश चन्द्रा (39 वर्ष) और उसकी पत्नी हेमा चन्द्रा (31 वर्ष) के रूप में हुई है। दोनों को पुलिस ने उनके घर से गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपियों ने माना कि उन्होंने बुजुर्ग के पैसे पीएफ फंड निकलवाने के बहाने से अपने खातों में ट्रांसफर करवाए।
बुजुर्ग की नादानी का उठाया फायदा
जांच में सामने आया कि योगेश और हेमा ने अपने ही बुजुर्ग रिश्तेदार की अनपढ़ता और तकनीकी जानकारी की कमी का फायदा उठाया। उन्होंने बुजुर्ग को ऑनलाइन फॉर्म भरने, बैंक खाते की जानकारी और ओटीपी (OTP) देने के लिए समझाया, जिसके जरिए उन्होंने रकम अपने नियंत्रण में ली। मनोज गुप्ता नाम का तीसरा आरोपी भी इस धोखाधड़ी में शामिल बताया गया है, जिसकी तलाश पुलिस कर रही है।
न्यायालय में पेश किए गए आरोपी
पुलिस ने इस पूरे मामले में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 120-बी (षड्यंत्र) के तहत मामला दर्ज किया है। गिरफ्तार दोनों आरोपियों को माननीय न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा (Judicial Custody) में भेज दिया गया।
साइबर ठगी से बचने के लिए इन बातों का ध्यान रखें:
गोपनीय जानकारी किसी से साझा न करें
किसी भी व्यक्ति को, जो खुद को बैंक कर्मचारी, सरकारी अधिकारी या किसी कंपनी का प्रतिनिधि बताए, अपना OTP (वन टाइम पासवर्ड), CVV, पिन, या पासवर्ड कभी न दें। बैंक या अन्य वैध संस्थाएं ये गोपनीय जानकारी कभी नहीं मांगती हैं।
मजबूत पासवर्ड और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) का उपयोग करें
अपने सभी ऑनलाइन खातों (ईमेल, सोशल मीडिया, बैंकिंग) के लिए मजबूत पासवर्ड (जिसमें अक्षर, संख्या और प्रतीक हों) का इस्तेमाल करें। साथ ही, जहां भी संभव हो, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (दो चरणों वाला सत्यापन) जरूर चालू करें। यह आपके खाते को अतिरिक्त सुरक्षा देता है।
संदिग्ध लिंक्स और अटैचमेंट से बचें
किसी भी ऐसे ईमेल या मैसेज में दिए गए लिंक या अटैचमेंट पर क्लिक न करें जो आपको अज्ञात स्रोत से मिला हो या जिसमें तुरंत कार्रवाई करने का दबाव बनाया गया हो। ये फिशिंग या मैलवेयर हो सकते हैं। लिंक पर क्लिक करने से पहले ध्यान से उसका पता (URL) जांच लें।
पैसे पाने के लिए पिन या QR कोड का इस्तेमाल न करें
याद रखें, पैसे प्राप्त करने के लिए आपको कभी भी UPI पिन डालने या कोई QR कोड स्कैन करने की जरूरत नहीं होती है। पिन और QR कोड केवल पैसे भेजने या भुगतान करने के लिए होते हैं। किसी भी अज्ञात व्यक्ति के 'पैसे प्राप्त करें' वाले अनुरोध को तुरंत अस्वीकार कर दें।
हमेशा अपने सॉफ्टवेयर और ऐप्स को अपडेट रखें
अपने फोन, कंप्यूटर, और सभी ऐप्स को नियमित रूप से अपडेट करते रहें। इन अपडेट्स में अक्सर सुरक्षा से जुड़ी खामियों को ठीक किया जाता है, जिससे आपके डिवाइस और डेटा सुरक्षित रहते हैं।
MPPSC News: भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव! ESB एक- MPPSC साल में कराएगा 5 एग्जाम, मेरिट लिस्ट से होगी विभागीय भर्ती
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मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया में बड़ा परिवर्तन होने जा रहा है। अब तक हर पद के लिए अलग-अलग परीक्षा कराने की लंबी प्रक्रिया को खत्म करते हुए सरकार एक नई व्यवस्था लागू करने जा रही है। इस नई व्यवस्था के तहत मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) साल में केवल 5 प्रमुख परीक्षाएं कराएगा, जबकि कर्मचारी चयन मंडल (ESB) यानी पूर्व का पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें।
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