भोपाल: मध्यप्रदेश सरकार के दो मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। दोनों ही मंत्री शिवराज कैबिनेट में मंत्री थे। तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत दोनों ने अपने इस्तीफे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सौंप दिए गए। मुख्यमंत्री ने इन इस्तीफों को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के समक्ष भेज दिए हैं। बता दें कि ये दोनों ही मंत्री सिंधिया समर्थक हैं।
इस्तीफा देने के पीछे बड़ी वजह
गोविंद सिंह राजपूत के इस्तीफा देने के पीछे बड़ी वजह है। दरअसल, कोई भी व्यक्ति बिना विधायकी के 6 महीने तक ही मंत्री पद पर रह सकता है। गोविंद सिंह राजपूत ने 5 अप्रैल को मंत्री पद की शपथ ली थी और 21 अक्टूबर को 6 महीने पूरे हो रहे हैं। जिसके बाद शिवराज सरकार के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को इस्तीफा देना पड़ा।
मंत्री पद जाते ही छिन जाएंगी ये सुविधाएं
वेतन, मंत्री को मिलने वाले 8 तरह के भत्ते और मानदेय।
सरकारी बंगला दफ्तर और स्टाफ।
1000 किमी का डीजल/पेट्रोल।
15 हजार रुपए मकान किराया।
3000 सत्कार भत्ता।
ड्राइवर और गनमैन।
पीए और ओएसडी।
दांव पर शिवराज सरकार के इन 14 मंत्रियों की प्रतिष्ठा
कांग्रेस के 25 पूर्व विधायकों के इस्तीफे से सरकार अल्पमत में आ गई थी और कमलनाथ सरकार गिर गई। बाद में ये सभी भाजपा में शामिल हो गए, तब इनमें से भाजपा ने 14 को मंत्री पद से नवाजा। 3 नवंबर को होने जा रहे उप चुनाव में अगर इन्हें जीत नहीं मिलती है तो बिना विधायकी के मंत्री बने मंत्रियों की प्रतिष्ठा पर असर पड़ेगा।
इन 14 मंत्रियों में इमरती देवी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, प्रभुराम चौधरी, हरदीप सिंह डंग, महेंद्र सिंह सिसोदिया, गोविंद सिंह राजपूत, तुलसी सिलावट, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, एदल सिंह कंसाना, बृजेंद्र सिंह यादव, सुरेश धाकड़, बिसाहूलाल सिंह, ओपीएस भदौरिया और गिर्राज दंडोतिया शामिल हैं।