Deepfake New Rules: डीपफेक मामले में केन्द्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार आने वाले 7-8 दिन में इसको लेकर आईटी एक्ट के नए नियम जारी करेगी। बताया जा रहा है कि नए नियम के अनुसार, डीपफेक के आरोपियों के खिलाफ आईटी एक्ट के नए नियमों के तहत कार्रवाई होगी।
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मंगलवार को कहा कि सरकार अगले सात से आठ दिनों में संशोधित आईटी नियम जारी करने जा रही है।
डीपफेक कंटेंट रोकने के लिए केंद्रीय IT मंत्रालय ने नए नियम किए तैयार | Deep fake News#Deepfake #ITMinistry #Deepfakevideos #Deepfakenews pic.twitter.com/c3lasOIw0w
— Bansal News (@BansalNewsMPCG) January 18, 2024
मंत्री ने कहा कि यह सरकार द्वारा डीपफेक पर जारी सलाह पर अलग-अलग प्लेटफार्मों से ‘मिलिजुली प्रतिक्रिया’ देखने के बाद आया है।
समाचार एजेंसी एएनआई ने आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स राज्य मंत्री के हवाले से कहा कि हम अगले सात से आठ दिनों में नए संशोधित आईटी नियम जारी करने जा रहे हैं।
PM मोदी और सचिन तेंदुलकर भी डीपफेक के शिकार हुए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी डीपफेक पर चिंता जता चुके हैं। उनका एक डीपफेक वीडियो आया था। वहीं हाल ही में पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का एक डीप फेक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें उन्हें ‘स्काईवर्ड एविएटर क्वेस्ट’ गेमिंग ऐप को प्रमोट करते दिखाया गया था। सचिन ने कहा था- यह वीडियो नकली है और धोखा देने के लिए बनाया गया है।
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नियमों का पालन नहीं करने पर होगी कार्रवाई
केंद्रीय मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि आईटी नियम में पहले ही फेक न्यूज और डीपफेक पर कार्रवाई का प्रावधान है। जिसका पालन करना अनिवार्य है। उन्होंने यह भी बताया कि इन नियमों का पालन नहीं करने पर क्या कार्रवाई की जा सकती है।
क्या हैं नए नियम ?
फेक कंटेंट जहां अपलोड होगा, उस प्लेटफॉर्म को भी जिम्मेदार माना जाएगा। डीप फेक कंटेंट मिलते ही कोई भी FIR करा सकता है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स यूजर्स को डीपफेक कंटेंट डालने से रोकेगा।
प्लेटफॉर्म्स अपने यूजर्स को इस संबंध में अलर्ट मैसेज भी देंगे। सहमति के बाद ही यूजर अकाउंट एक्सेस कर सकेगा। डीप फेक कंटेंट को 24 घंटे में हटाना होगा। जिस यूजर ने कंटेंट अपलोड किया है, उसका अकाउंट बंद होगा
यूजर की सूचना दूसरे प्लेटफॉर्म को भी देनी होगी ताकि आरोपी वहां अकाउंट न बना सके।
क्या है ‘डीपफेक’
डीपफेक शब्द पहली बार 2017 में यूज किया गया था। अमेरिका के सोशल न्यूज एग्रीगेटर रेडिट पर वीडियो पोस्ट किए गए थे। डीपफेक ID से कई सेलिब्रिटीज के वीडियो पोस्ट किए गए थे।
एक्ट्रेस एमा वॉटसन, गैल गैडोट के कई पोर्न वीडियो भी डीपफेक से बने थे। किसी रियल वीडियो, फोटो या ऑडियो का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें दूसरे के चेहरे, आवाज और एक्सप्रेशन को फिट किया जाता है।
इस प्रोसेस को डीपफेक नाम दिया गया है और ये इतनी सफाई से होता है कि कोई भी यकीन कर ले। इसमें फेक भी असली जैसा लगता है।
इसमें मशीन लर्निंग और AI का सहारा लिया जाता है और टेक्नोलॉजी, सॉफ्टवेयर की मदद ली जाती है।
कैसे करें डीपफेक की पहचान ?
हमेशा चेहरे पर ध्यान दें और ये भी देखें फेक में हमेशा चेहरे के भाव बदलते रहते हैं।
गालों और माथे पर ध्यान दें। स्किन बहुत चिकनी या बहुत झुर्रीदार दिखेगी।
आंखों और भौहों पर ध्यान दें और नोट करें कि बॉडी की शैडो सही जगह पर हैं या नहीं।
होठों की हरकत पर ध्यान दें। कुछ डीप फेक लिप सिंकिंग पर आधारित होते हैं। नोट करें कि होठों की हरकत नेचुरल है या नहीं।
चेहरे के मस्सों या तिल पर ध्यान दें। चेहरे के हेयर असली दिखते हैं या नहीं।
पलक झपकने पर ध्यान दें और देखें क्या व्यक्ति पर्याप्त या बहुत ज्यादा पलकें झपकाता है।
चश्मे पर ध्यान दें और देखें उसमें परछाइयां वीडियो के माहौल से मेल खा रही हैं या नहीं।
डीपफेक से कैसे बचें ?
सोशल मीडिया पर पर्सनल फोटो, वीडियो शेयर करने से बचें और पासवर्ड हमेशा स्ट्रॉन्ग रखें।
AI टूल का इस्तेमाल कर सकते हैं। टूल से AI जनरेटेड कंटेंट को आसानी से पकड़ सकते हैं।
AI or Not और Hive Moderation जैसे कई टूल का यूज करें। डीपवेयर स्कैनर से भी असली नकली का पता लगा सकते हैं।
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