भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में प्रतिदिन 182 मीट्रिक टन की सामूहिक उत्पादन क्षमता वाले 163 ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किए गए हैं। कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान प्रदेश में ऑक्सीजन की बेहद कमी हो गई थी और दूसरे प्रदेशों से इसे लेना पड़ा था। मुख्यमंत्री चौहान ने सोमवार को एक आधिकारिक बयान में कहा कि मार्च 2020 में (कोविड-19 महामारी फैलने से पहले) प्रदेश के किसी भी सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र उपलब्ध नहीं थे। उन्होंने कहा कि अब 182 मीट्रिक टन प्रतिदिन की उत्पादन क्षमता वाले 163 ऑक्सीजन संयंत्र राज्य के विभिन्न जिलों में शुरु किए गए हैं। उन्होंने कहा कि जब प्रदेश में सभी 202 संयंत्र चालू हो जाएंगे तो रोजाना करीब 230 मीट्रिक टन चिकित्सकीय ऑक्सीजन का उत्पादन होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान जीवन रक्षक गैस की कमी का सामना करने के बाद इन संयंत्रों पर काम शुरू किया गया था। शेष 39 संयंत्र को भी इस माह के अंत तक शुरू किया जाएगा। वर्तमान में प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 360 मीट्रिक टन तरल ऑक्सीजन की सामूहिक भंडारण सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा प्रदेश के 34 जिला चिकित्सालयों में छह किलोलीटर क्षमता के तरल ऑक्सीजन टैंक (कुल 248 मीट्रिक टन) की स्थापना की जा रही है।
छत्तीसगढ़ नान घोटाला: पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र को हाईकोर्ट से भी राहत नहीं, वकील बोले- बिना अनुमति FIR गलत
Chhattisgarh Naan Scam: छत्तीसगढ़ के चर्चित नान घोटाला मामले के आरोपी और पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा को हाईकोट ने...