PM Awas Yojana: Pradhan Mantri Awas Yojana (PMAY) के तहत प्रति एक आवास पर दी जाने वाली राशि में अंतर को पाटने की सरकार की फिलहाल कोई योजना नहीं है. केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने मंगलवार को लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान शिवसेना के सांसद कृपाल बालाजी तुमाने के एक पूरक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी.
ग्रामीण इलाकों के लिए बढ़ाई गई थी राशि
सिंह ने कहा कि 2016 से पहले इंदिरा आवास योजना(Indira Awas Yojana) के तहत ग्रामीण इलाकों में प्रति इकाई आवास के लिए 70 हजार रुपये निर्धारित थे, लेकिन उनकी सरकार ने इसे दोगुना अर्थात 1.40 लाख रुपये कर दिया है, जबकि शहरी इलाकों के लिए यह राशि ढाई लाख रुपये है.
उन्होंने कहा कि शहरी इलाकों में जमीन और अन्य परिस्थितियों के मद्देनजर ग्रामीण इलाकों की तुलना में ज्यादा राशि निर्धारित की गयी है और फिलहाल दोनों के बीच के अंतर को पाटने की सरकार की कोई योजना नहीं है.
वंचितों को फिलहाल नहीं मिलेगा मौका
भारतीय जनता पार्टी(BJP) के सांसद जुगल किशोर शर्मा के एक पूरक प्रश्न के उत्तर में ग्रामीण विकास और पंचायती राज राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि ‘आवास प्लस’ के तहत राज्य सरकारों की गड़बड़ी की वजह से आवास योजना की सूची में शामिल होने से वंचित रह गये.
जरूरतमंदों के लिए फिलहाल समय-सीमा बढ़ाने की कोई योजना नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार पहले के लक्ष्य को पूरा करने पर ध्यान दे रही है.
क्या है PM Awas Yojana
इस योजना को 25 जून, 2015 को लॉन्च किया गया था. इसे आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) चलाता है. सरकार Pradhan Mantri Awas Yojana के तहत गरीब और बेघर लोगों को आवास की सुविधा पहुंचाने का लक्ष्य लेकर चलती है.
इसे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग चलाया जाता है. पीएम आवास योजना ग्रामीण के तहत PM Awas Gramin List / प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण सूची जारी की जाती है, और इसमें नामित सभी लाभार्थियों को अपना खुद का घर बनवाने के लिए सहायता राशि प्रदान की जाती है.
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