हाइलाइट्स
- अशफ़ाक उल्ला प्राणी उद्यान का ‘समर कूलिंग प्लान’ लागू।
- एसी, कूलर और फव्वारों से सजी जानवरों की दुनिया।
- भीषण गर्मी के चलते वन्यजीवों के खान-पान में बदलाव।
रिपोर्टर – अंकित श्रीवास्तव, गोरखपुर
Gorakhpur Ashfaq Ullah Zoo: गोरखपुर के अशफ़ाक उल्ला प्राणी उद्यान में इस बार गर्मी से निपटने के लिए खास इंतज़ाम किए गए हैं। यह इंतज़ाम सिर्फ इंसानों के लिए नहीं, बल्कि वहां रहने वाले 40 से ज़्यादा वन्यजीवों के लिए किए गए हैं। चिड़ियाघर प्रशासन ने वन्यजीवों को भीषण गर्मी से बचाने के लिए एक अनोखा और असरदार ‘समर कूलिंग प्लान’ तैयार किया है।
एसी, कूलर और फव्वारों से सजी जानवरों की दुनिया
अब शेर और बाघ जैसे बड़े जानवर एसी और सेंट्रल कूलर की ठंडी हवा में चैन की नींद ले सकेंगे। वहीं पक्षियों के पिंजरों में खस की चटाई बिछाई गई है। हालांकि लगातार चल रहे फव्वारे उन्हें गर्मी से राहत दे रहे हैं। हाथियों, भालुओं और बंदरों के बाड़ों में भी बड़े-बड़े कूलर और पंखे लगाए गए हैं। ठंडे वातावरण के आदी सरीसृपों, जैसे कि सांपों के लिए एसी की व्यवस्था की गई है।
शेर भारत और बाघिन गीता के लिए स्पेशल इंतज़ाम
चिड़ियाघर के स्टार शेर ‘भारत’, ‘गौरी’, ‘पटौदी’ और बाघिन ‘गीता’, ‘अमर’ को विशेष सुविधा दी गई है। CSR फंड की मदद से इनके बाड़ों में सेंट्रल कूलर लगाए गए हैं। इसके अलावा बाघिन गीता के लिए एक विशेष सीमेंटेड तालाब तैयार किया गया है। जिसमें हर वक्त ठंडा और साफ पानी भरा रहता है, ताकि वह गर्मी से राहत पा सके।
खान-पान में बदलाव से भी मिल रही राहत
भीषण गर्मी में तापमान 40 से 42 डिग्री तक पहुंच चुका है। इसी वजह से अब वन्यजीवों के खान-पान में भी बदलाव किए गए हैं। शेर और बाघों के मांस की मात्रा घटाई गई है, जबकि भालुओं के भोजन में तरबूज, खीरा और ककड़ी शामिल किए गए हैं। हिरनों और दरियाई घोड़ों को ऐसे फल दिए जा रहे हैं जिनसे शरीर में पानी की कमी न हो।
पर्यटकों की भीड़ और वन्यजीवों की मस्ती
गर्मी में भी जब वन्यजीव ठंडी हवा में आराम करते हैं तो वे ज़्यादा एक्टिव दिखते हैं। यही कारण है कि सुबह और शाम के समय चिड़ियाघर में पर्यटकों की भीड़ उमड़ती है। लोग जब जानवरों को खुले माहौल में आराम करते हुए देखते हैं, तो उनका अनुभव और भी खास हो जाता है।
वन्यजीवों के लिए एक सजग पहल
प्राणी उद्यान के उपनिदेशक डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि सभी इंतज़ाम नियमित निगरानी में किए जा रहे हैं। जानवरों की सेहत का खास ख्याल रखा जा रहा है। गोरखपुर का यह चिड़ियाघर न केवल वन्यजीव संरक्षण का उत्तम उदाहरण बन रहा है। बल्कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता का भी संदेश दे रहा है।
UP Single Window System: सिंगल विंडो सिस्टम के तहत बनेगा नया कानून, बड़े निवेशको को तय समय में मिलेगी अनुमति
उत्तर प्रदेश सरकार निवेशकों को बेहतर सुविधा देने और तेज़ी से निवेश को ज़मीन पर उतारने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम के तहत एक नया कानून बनाने जा रही है। इस पहल का उद्देश्य यह है कि बड़े निवेशकों को तय समय सीमा में सभी ज़रूरी अनुमति मिल जाए, ताकि उन्हें अलग-अलग विभागों के चक्कर न लगाने पड़ें। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें