(रिपोर्ट- अंकित श्रीवास्तव- गोरखपुर)
Gorakhpur Bulldozer Action: गोरखपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी (GDA) ने शहर में स्थित एक तीन मंजिला मस्जिद को ध्वस्त करने का आदेश जारी किया है। GDA ने इसके लिए 15 दिन की डेडलाइन भी तय की है। इस आदेश के बाद मुस्लिम पक्ष ने मामले को कोर्ट में चुनौती दी है।
मस्जिद निर्माण में किसी भी तरह की अनुमति नहीं ली गई- GDA
GDA का कहना है कि यह मस्जिद अवैध रूप से निर्मित है और इसके निर्माण में किसी भी तरह की अनुमति नहीं ली गई थी। इसलिए, इसे हटाने का निर्णय लिया गया है। हालांकि, मुस्लिम पक्ष का दावा है कि यह मस्जिद दशकों से यहां मौजूद है और इसे धार्मिक स्थल के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।
मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट से GDA के आदेश पर रोक लगाने की मांग की
इस मामले ने शहर में तनाव पैदा कर दिया है, और दोनों पक्षों के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट से GDA के आदेश पर रोक लगाने की मांग की है, जबकि GDA का कहना है कि यह कदम कानूनी प्रक्रिया के तहत उठाया गया है।
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धार्मिक संगठनों ने इस मामले में संवेदनशीलता बरतने की अपील
स्थानीय निवासियों और धार्मिक संगठनों ने इस मामले में संवेदनशीलता बरतने की अपील की है। अब यह देखना होगा कि कोर्ट इस मामले में क्या फैसला सुनाता है और इसका शहर के सामाजिक ताने-बाने पर क्या प्रभाव पड़ता है।
बिना स्वीकृत मानचित्र के इस मस्जिद का हुआ है निर्माण
गोरखपुर के घोष कंपनी चौराहे के पास नगर निगम की 47 डिसमिल भूमि पर अवैध कब्जा किया गया था। बीते 7 माह पहले नगर निगम टीम ने बोलडोजर के माध्यम से इस पूरे अवैध कब्जे को खाली कराया था। अब यह जल्द ही मल्टीलेबल काम्प्लेक्स बनाया जाएगा। लेकिन इसी जमीन के 520 स्क्वायर फीट में तीन मंजिला मस्जिद का निर्माण हुआ है। आपको बता दे की बिना स्वीकृत मानचित्र यहा तीन मंजिला मस्जिद का निर्माण हुआ है।जिसको गिराने के लिए जीडीए द्वारा एक नोटिस जारी किया था।
15 फरवरी को मस्जिद के दिवंगत मुतवल्ली के बेटे शुऐब अहमद को नोटिस देकर 15 दिन में खुद ही निर्माण हटाने को कहा गया था.और कहा गया था कि अगर ये खुद से निर्माण को नहीं हटाएंगे तो जीडीए खुद इसे ध्वस्त कराएगा.और इसका खर्च इसके निर्माणकर्ता से वसूलेगा।
आदेश के खिलाफ कमिश्नर कोर्ट में अपील
सूत्रों की माने तो निर्माण के दौरान ही जीने ने जब मानचित्र दिखाने को कहा था तो निर्माण करता इसे प्रस्तुत नहीं कर सके. जिसके बाद तीन बार नोटिस भी जारी कर सनी का मौका दिया गया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला इसके बाद डा प्रशासन ने 15 दिन में खुद दोस्त करने का निर्देश दिया था. वही मस्जिद के मुतवल्ली ने जीडीए के आदेश के खिलाफ कमिश्नर कोर्ट में अपील की है।