हाइलाइट्स
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भिंड की पूजा पैरा कैनो खिलाड़ी हैं
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पहली बार ओलंपिक खेलों में लेंगी हिस्सा
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भोपाल के छोटे तालाब स्थित सेंटर में कर रहीं ट्रेनिंग
Paris Paralympics 2024: अमूमन चंबल का नाम सामने आते ही दिमाग में डकैत की छवि उभर आती है, लेकिन यहां इससे एकदम उलट और शानदार खबर सामने आई है।
चंबल संभाग से पहली बार कोई खिलाड़ी फ्रांस के पेरिस में होने वाले पैरालंपिक (Paris Paralympics) खेलों में हिस्सा लेने जा रही है।
भिंड की रहने वाली ये पैरा कैनो प्लेयर पूजा ओझा (Para canoe player Pooja Ojha) ने कड़ी मेहनत कर पेरिस पैरालंपिक के लिए क्वीफाई (Paris Paralympics 2024) किया है।
स्पोर्ट्स कोटे से मिली डाक विभाग में नौकरी
पूजा ओझा मध्यप्रदेश (ग्वालियर) की प्राची यादव की तरह पैरालंपिक एथलीट हैं। ये भी भिंड की रहने वाली हैं और भारतीय डाक सेवा (Indian post service) में नौकरी करती हैं।
इन्हें नौकरी भी स्पोर्ट्स की दम पर यानी स्पोर्ट्स कोटे से मिली है। पूजा वर्तमान में मुंबई में पोस्टेड हैं, लेकिन आजकल भोपाल में ओलंपिक की तैयारी कर रही हैं।
38 साल की पूजा ने अपने जज्बे की दम पर मुकाम हासिल किया है और उन्हें उम्मीद है।
भोपाल में कर रही पैरालंपिक की तैयारी
पूजा भी पेरिस पैरालंपिक (Paris Paralympics 2024) के क्याकिंग कैनोइंग स्पर्धा की VL1 इवेंट में हिस्सा लेंगी। पूजा ने बताया की आजकल वे राजधानी भोपाल के छोटे तालाब स्थित सेंटर में ट्रेनिंग ले रही हैं।
पूजा को चीफ कोच मयंक ठाकुर और असिस्टेंट कोच अनिल राठी कोचिंग कर रहे हैं।
गरीब परिवार में पली-बढ़ी पूजा बचपन से ही दिव्यांग हैं। परिवार की मदद से ही किसी तरह खेलों में किस्मत आजमाई।
शुरुआत में भिंड के गौरी तालाब में ड्रेगन बोट से खेल प्रारंभ किया। फिर क्याकिंग-कैनोइंग की बोट्स को ट्राय किया। वे बताती हैं, सबसे पहले साल 2017 में ड्रेगन बोट कॉम्पटीशन में भाग लिया।
शुरुआत के तीन महीने बाद ही जीत लिया इंटरनेशनल मेडल
इसके बाद तीन महीने की ट्रेनिंग के बाद सबसे पहले साल 2017 में ही एशियन चैंपियनशिप थाईलैंड के लिए क्वालीफाई किया और इस इवेंट में भाग लेकर पैरा कैनो में अपने करियर का पहला सिल्वर मेडल जीता।
शानदार आगाज के बाद पूजा ने कभी हिम्मत नहीं हारी और फिर लगातार मेडल का रंग बदलती रहीं।
साल 2022 में फिर थाईलैंड एशियन पैरा कैनो चैंपियनशिप में दो गोल्ड मेडल जीते।
इसी साल अंत में कनाडा में हुई वर्ल्ड पैरा कैनो चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल हासिल किया।
अब मेडल जीतने का सिलसिला चल पढ़ा। इसके बाद साल 2024 तक लगातार गोल्ड और सिल्वर मेडल जीतती रहीं।
अब तक इंटरनेशनल चैंपियनशिप में 6 गोल्ड और 4 सिल्वर मेडल जीत चुकी हैं। पूजा पिछले 8 साल से नेशनल लेवल पर भी मेडल जीत रही हैं।
पिता ने मजदूरी कर पाला-पोसा
पूजा के बताया कि उनके परिवार के हालात ठीक नहीं हैं। उनके पिता महेश बाबू ओझा भिंड में मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं।
पूजा का कहना है कि उनके यहां तक के सफर में पिता और परिवार के बहुत बड़ा योगदान है।
पूजा के बताया कि उन्होंने पैरा स्पोर्ट्स में 2017 में भिंड के गौरी तालाब से शुरुआत की।
इसके बाद भोपाल के छोटा तालाब स्थिति सेंटर पर ट्रेनिंग की और इसके बाद सफलताएं मिलती चली गईं।
पूजा के पेरिस पैरालंपिक (Paris Paralympics 2024) में जाने की खबर को लेकर पूरा परिवार बेहद खुश है।
पूजा ने 6 गोल्ड समेत 10 इंटरनेशनल मेडल जीते
पूजा ने साल 2017 से 2024 तक आठ नेशनल पैरा कैनो चैंपियनशिप में 8 गोल्ड मेडल जीते हैं। इसके अलावा इंटरनेशनल स्पर्धाओं में 6 गोल्ड समेत 10 मेडल हासिल किए।
- सिल्वर मेडल- 2017 एशियन पैरा कैनो चैंपियनशिप, थाईलैंड
- नेशलल अवार्ड- साल 2021 (सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्रालय)
- 2 गोल्ड मेडल- 2022 एशियन पैरा कैनो चैंपियनशिप, थाईलैंड
- सिल्वर मेडल- 2022 वर्ल्ड पैरा कैनो चैंपियनशिप, कनाडा
- 2 गोल्ड मेडल- 2023 एशियन पैरा कैनो चैंपियनशिप, उज्बेकिस्तान
- सिल्वर मेडल- 2023 एशियन पैरा कैनो चैंपियनशिप, जर्मनी
- एशियन गेम्स- 2023 में चौथी रैंक
- 2 गोल्ड मेडल- 2024 एशियन पैरा कैनो चैंपियनशिप, जापान
- सिल्वर मेडल- 2024 वर्ल्ड पैरा कैनो चैंपियनशिप, हंग्री