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रेलयात्रियों के लिए अच्‍छी खबर: रायपुर-नागपुर और झारसुगड़ा रूट की ट्रेनों में लगेंगे सुरक्षा कवच, बेफिक्र होगी यात्रा

Chhattisgarh Railways Safety Kavach: दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने नागपुर-रायपुर-बिलासपुर-झारसुगुड़ा के बीच चलने वाली ट्रेनों में "सुरक्षा कवच"

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Aman jain
Chhattisgarh Railways Safety Kavach

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Chhattisgarh Railways Safety Kavach: दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने नागपुर-रायपुर-बिलासपुर-झारसुगुड़ा के बीच चलने वाली ट्रेनों में "सुरक्षा कवच" प्रणाली लगाने की आवश्यकता महसूस की है, जिसके लिए रेलवे जोन ने रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भेजा है। इस सुरक्षा कवच सिस्टम (Automatic Kavach Protection System Indian Railways) का मुख्य उद्देश्य ट्रेनों की टकराव की घटनाओं को रोकना है।

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कवच सिस्टम सेंसर तकनीक का उपयोग करता है, जिससे अगर एक ही ट्रैक पर दो ट्रेनें आ रही हों, तो यह सिस्टम अलर्ट जारी करेगा और ट्रेनों को नियंत्रित करेगा। इससे संभावित दुर्घटनाओं को रोका जा सकेगा और ट्रेन संचालन को और अधिक सुरक्षित बनाया जाएगा। जैसे ही रेलवे बोर्ड से मंजूरी मिलती है, इस प्रणाली को ट्रेनों में लगाने का काम शुरू हो जाएगा, जिससे यात्रियों की सुरक्षा में सुधार होगा।

ऐसे करता है काम

कवच प्रणाली सेंसर के माध्यम से ट्रेन के चालक और सह चालक को तुरंत अलर्ट करता है। इसके अलावा यह सिस्टम ट्रेनों की गति पर स्वतः नियंत्रण रखते हुए जरूरत पड़ने (कवच सुरक्षा प्रणाली) पर खुद ब्रेक भी लगा देता है।

इससे ट्रेन हादसों की संभावना को काफी हद तक कम किया जा (Chhattisgarh Railways Safety Kavach) सकेगा। खासकर घने कोहरे और बरसात जैसे चुनौतीपूर्ण मौसम में, अगर लोको पायलट समय पर ब्रेक लगाने में असफल रहता है, तो यह प्रणाली स्वतः गति को नियंत्रित करने में मदद करती है, जिससे संभावित दुर्घटनाओं से बचाव हो सकेगा।

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कवच सुरक्षा तकनीक की विशेषताएं (Chhattisgarh Railways Safety Kavach)

सिग्नल पासिंग की रोकथाम: खतरे की स्थिति में सिग्नल को गलत तरीके से पार करने से बचाने के लिए प्रणाली सक्रिय होती है।

ड्राइवर मशीन इंटरफेस: लोको पायलट ऑपरेशन कम इंडिकेशन पैनल (एलपीओसीआईपी) में सिग्नल के पहलुओं और मूवमेंट अथॉरिटी की निरंतर निगरानी होती है।

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ओवर स्पीडिंग की रोकथाम: यदि ट्रेन निर्धारित गति सीमा से अधिक चलती है, तो सिस्टम स्वतः ब्रेक लगा देता है।

ऑटोमैटिक सीटी: रेलवे फाटकों के पास पहुंचने (railways kavach technology) पर ट्रेन से स्वचालित रूप से सीटी बजती है, जिससे वाहनों और पैदल यात्रियों को चेतावनी मिलती है।

टकराव की रोकथाम: कवच से लैस दो ट्रेनों के बीच टकराव की संभावना को समाप्त करने के लिए प्रणाली कार्यरत रहती है।

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आपातकालीन एसओएस संदेश: किसी भी आपातकालीन स्थिति में (Chhattisgarh Railways Safety Kavach) यह तकनीक एसओएस संदेश भेजने की सुविधा देती है।

केंद्रीकृत लाइव निगरानी: नेटवर्क मॉनिटरिंग सिस्टम के माध्यम से ट्रेन की आवाजाही की लाइव निगरानी की जाती है, जिससे परिचालन की निगरानी और प्रबंधन को आसान बनाया जा सके।

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