भोपाल: वैसे तो लोन लेने के कई ऑप्शन हैं और आजकल बहुत आसानी से लोन मिल भी जाता है। लेकिन फिलहाल भारत में गोल्ड लोन का चलन बढ़ रहा है। क्योंकि गोल्ड लोन पर कम ब्याज दर पर आसानी से लोन मिलता है। क्योंकि गोल्ड लोन लेने के लिए आपको इनकम प्रूफ देने की आवश्यकता नहीं होती है।
लेकिन अगर आप गोल्ड लोन लेना चाहते हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। तो आइए जानते हैं ऐसी ही 5 बातों के बारे में जानते हैं जो कि हमें गोल्ड लोन लेने में मदद कर सकती है।
– अपनी जरूरत के हिसाब से चुनें बैंक या NBFC
अगर आप गोल्ड लोन लेने की तैयारी कर रहे हैं तो गोल्ड लोन के मामले में बैंकों और नॉन बैंकिंग फायनेंस कंपनियों (NBFC) के बीच थोड़ा अंतर होता है। बैंक कम ब्याज दर पर लोन ऑफर करता है, जबकि एनबीएफसी ज्यादा लोन ऑफर करती है। क्योंकि नॉन बैंकिंग फायनेंस कंपनी मुख्य रूप से सोने के बदले लोन देती है इसलिए वो जल्दी लोन दे देती है। इसलिए गोल्ड लोन लेने से पहले एक बार अलग-अलग बैकों और NBFC में ब्याज दर का पता जरुर लगा लें।
– गोल्ड बार के बदले नहीं मिलता लोन
आपको बता दें कि गोल्ड बार के बदले लोन नहीं मिलता है। लोन लेने के लिए कम से कम 18 कैरेट शुद्ध सोना गिरवी रखना जरुरी होता है। आपको बता दें कि बैंक या NBFC गोल्ड बार को गिरवी नहीं रखते हैं और ये सिर्फ सोने के सिक्कों या ज्वैलरी के बदले ही लोन देते हैं। इसके साथ ही बैंक, NBFC 50 ग्राम से ज्यादा सिक्कों को गिरवी नहीं रखते हैं।
– अपनी सुविधानुसार चुनें रीपेमेंट ऑप्शन
बैंक या NBFC आपको लोन की रकम और ब्याज का भुगतान (रीपेमेंट) करने के लिए कई ऑप्शन देते हैं। इन ऑप्शन्स में आप अपनी जरूरत के अनुसार किसी भी ऑप्शन को चुन सकते हैं। इसके साथ ही आप समान मासिक किस्तों (EMI) का भुगतान कर सकते हैं।
अगर आप ईएमआई का ऑप्शन नहीं चुनना चाहते हैं तो आप एकमुश्त मूल भुगतान के दौरान ब्याज भर सकते हैं। वहीं बुलेट रीपेमेंट में बैंक मासिक आधार पर ब्याज लेते हैं। इसीलिए आप अपने हिसाब से लोन की अवधि का चयन कर सकते हैं।
– लोन न चुकाने पर आपका सोना बेच सकते है बैंक
अगर आप गोल्ड लोन ले रहे हैं और समय पर लोन नहीं चुका पा रहे हैं तो कर्ज देने वाली कंपनी को पूरा अधिकार है कि वो आपको सोना बेच सके। इसके अलावा अगर सोने की कीमतों में गिरावट आती है तो कर्जदाता आपसे अतिरिक्त सोना गिरवी रखने के लिए भी बोल सकते हैं।
– एक्स्ट्रा चार्जेस का भी रखें ध्यान
गोल्ड लेने के बाद आपको ब्याज के साथ-साथ प्रोसेसिंग फीस देनी होगी। यह अलग-अलग बैंकों की अलग-अलग स्ट्रेटजी है। कुछ बैंक या NBFC नहीं भी लेते हैं। इसके अलावा जीएसटी भी आपको प्रोसेसिंग फीस पर देना होगा। कुछ बैंक वैल्यूएशन फीस भी लेते हैं। यह 250 रुपए से शुरू होती है। इसके अलावा लोन डिफॉल्ट पर लगने वाले जैसे चार्जेस का भी विशेष ध्यान रखें।