पणजी, 18 दिसंबर (भाषा) कांग्रेस और गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) Goa Vidhansabha Chunavने शनिवार को राज्य में अगले साल फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन की घोषणा की।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले जीएफपी ने भाजपा के साथ सत्ता में भागीदारी की थी। लेकिन जुलाई 2019 में पार्टी अध्यक्ष विजय सरदेसाई सहित तीन विधायकों को राज्य मंत्रिमंडल से बाहर किए जाने के बाद समर्थन वापस ले लिया था। तब सरदेसाई प्रमोद सांवत नीत सरकार में उप मुख्यमंत्री थे।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के गोवा प्रभारी दिनेश गुंडु राव ने यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि राज्य में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और जीएफपी ने गठबंधन किया है।
राव ने कहा, ‘‘ विजय सरदेसाई (जीएफपी अध्यक्ष) ने दिल्ली में हमारे नेता राहुल गांधी से मुलाकात की और कांग्रेस के प्रति यह कहते हुए समर्थन व्यक्त किया कि वह हमारे साथ गोवा में सांप्रदायिक और भ्रष्ट भाजपा सरकार को हराने के लिए काम करना चाहते हैं ताकि गोवा में बदलाव लाया जा सके। हम उनके इस कदम का स्वागत करते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दोनों पार्टियों के बीच गोवा में और संवाद हुआ। जो छोटे-मोटे मुद्दे हमारे बीच थे, उन्हें दूर किया गया और हम नयी शुरुआत को देख रहे हैं।’’
राव ने कहा, ‘‘ जो भी पहले हुआ, वह हो चुका। राजनीति में हमेशा दोस्ती, गठबंधन की संभावना होती है और हमे एक दूसरे पर भरोसा और विश्वास है।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हम चुनाव में साथ जा रहे हैं और हम उम्मीद करते हैं कि यह गठबंधन और लोगों को कांग्रेस से जुड़ने को प्रेरित करेगा। मैं निश्चित हूं कि इस चुनाव में लोगों ने भाजपा को खारिज करने का फैसला कर लिया है और वे राज्य में स्थिर सरकार चाहते हैं।’’
राव ने बताया कि सीटों के बंटवारे की विस्तृत जानकारी बाद में दी जाएगी।
इस मौके पर बोलते हुए सरदेसाई ने कहा कि यह गठबंधन गोवा को ‘निरंकुश’ सरकार से मुक्त कराएगा। उन्होंने कहा, ‘‘गोवा कि मौजूदा सरकार अधिग्रहण और कब्जे की राजनीति में संलिप्त है जो लोकतंत्र को विषैला बना रहा है और गोवा को भाजपा के भ्रष्टाचार, सांप्रदायिकता से दोबारा मुक्त करने के लिए नया आंदोलन शुरू करने की जरूरत है।’’
सरदेसाई ने कहा कि समान विचार वाले लोगों को एक साथ आने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी के आवास पर जो शुरुआत हुई थी उसका समापन इस शानदान दिन से हुआ।’’