हाइलाइट्स
- DDU में छात्रसंघ बहाली की मांग तेज
- लखनऊ राजभवन तक पहुंचेगी दंडवत यात्रा
- CM के शहर से सरकार को झटका देने की कोशिश
Gorakhpur DDU Protest: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव बहाली की मांग एक बार फिर सुर्खियों में है। लंबे समय से स्थगित छात्रसंघ चुनाव को लेकर छात्रों ने अब अनोखे तरीके से आंदोलन शुरू कर दिया है। एमजे अंतिम वर्ष के छात्र नेता सतीश प्रजापति और उज्जवल सिंह ने अर्ध भू-समाधि और जल सत्याग्रह के बाद अब ‘न्याय दंडवत यात्रा’ शुरू की है, जिसने शहरवासियों और प्रशासन का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है।
लखनऊ राजभवन तक पहुंचेगी दंडवत यात्रा
यह यात्रा गोरखपुर विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार से शुरू होकर अलग-अलग शहरों में पड़ाव लेगी और अंततः लखनऊ स्थित राजभवन पर समाप्त होगी, जहां छात्र राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को ज्ञापन सौंपकर छात्रसंघ चुनाव कराने की मांग करेंगे। आंदोलनकारियों का कहना है कि यह यात्रा एक माह, दो माह या जितना भी समय लगे—अपनी मांग पूरी होने तक जारी रहेगी।
पुलिस से नोकझोंक, सड़क पर लेटकर किया प्रदर्शन
यात्रा के पहले दिन ही हरिओमनगर के पास कैंट पुलिस से छात्रों की हल्की नोकझोंक हो गई। सड़क पर दंडवत यानी लेटकर आगे बढ़ते इन छात्रों को देखकर राहगीर भी हैरान रह गए। सतीश प्रजापति का कहना है कि छात्र राजनीति राष्ट्रीय राजनीति की नर्सरी है, और विश्वविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव खत्म करना एक सोची-समझी साजिश है, जो आने वाले नेताओं की राजनीतिक संभावनाओं को खत्म कर रही है।
पूर्व छात्र नेताओं का मिला समर्थन
गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व दिव्यांग छात्र नेता पवन सिंह ने कहा कि जब सरकार और प्रशासन जनहित की मांगों को अनदेखा करते हैं, तो सड़क पर उतरना मजबूरी बन जाता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि छात्रसंघ बहाली के लिए यह संघर्ष सड़क से लेकर सदन तक चलेगा। वहीं, कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता अन्नू प्रसाद और सपा के छात्र नेता शिवशंकर गौड़ ने भी इस आंदोलन को समर्थन देते हुए कहा कि यह यात्रा सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि छात्रसंघ बहाल किया जाए।
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छात्रसंघ चुनाव का इतिहास
गौरतलब है कि विश्वविद्यालय में वर्ष 2006 में आखिरी बार छात्रसंघ चुनाव हुआ था, जिसमें श्रीकांत मिश्रा अध्यक्ष बने थे। इसके बाद 10 साल तक चुनाव नहीं हुए। 2016 में कुलपति प्रो. अशोक कुमार के कार्यकाल में चुनाव हुए, जिसमें अमन यादव विजयी रहे। अब पूरे 10 साल बाद फिर से चुनाव न होने पर छात्रों में रोष है।
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